'जादू की झप्पी' से 'आल इज वेल' तक, Rajkumar Hirani के इन डायलॉग्स ने बदला लोगों का नजरिया
Rajkumar Hirani Movies Dialogues: हिदी सिनेमा के सुपरहिट डायरेक्टर्स में एक राजुमार हिरानी भी हैं जिनकी फिल्में गजब की होती हैं. उनकी फिल्मों के डायलॉग्स से हर किसी को कुछ ना कुछ सीखने को मिला.
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Rajkumar Hirani Movies Dialogues: फेमस फिल्म डायरेक्टर राजकुमार हिरानी की फिल्मों में कॉमेडी, इमोशनल और गहरे संदेश के मिक्सअप के साथ आती हैं. उनकी फिल्मों के डायलॉग्स अक्सर साधारण होते हैं फिर भी गहरी छाप छोड़ने वाले होते हैं. जो दर्शकों की रोजमर्रा की बातचीत का हिस्सा बन जाते हैं और समाज की धारणाओं को आकार देते हैं.
उन डायलॉग्स में छिपी चतुराई और गर्मजोशी दर्शकों को हमेशा मुस्कराने पर मजबूर कर देती है. तो चलिए आपको बताते हैं राजकुमार हिरानी के 5 आईकॉनिक डायलॉग्स बताते हैं और उनमें क्या खास है ये भी बताते हैं.
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राजकुमार हिरानी के 5 आइकॉनिक डायलॉग्स
राजकुमार हिरानी कई सालों में एक फिल्म बनाते हैं लेकिन वो फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कमाल कर जाती हैं. उन्होंने अब तक कई फिल्में बनाई हैं जिनमें से अलग-अलग फिल्मों के 5 डायलॉग्स के बारे में बताएंगे.
'जादू की झप्पी' - 'मुन्ना भाई MBBS'(2003)
जब 'मुन्ना भाई एमबीबीएस' 2003 में रिलीज हुई, तो 'जादू की झप्पी' डायलॉग हर किसी की जुबान पर चढ़ गया था. इसका मतलब होता है कि 'जादुई गले लगाना'. एक ऐसी दुनिया में जहाँ प्रतिस्पर्धा और संघर्ष का बोलबाला हो, यह संवाद मानव संबंधों की चिकित्सकीय शक्ति की याद दिलाता है.
'एक्सीलेंस का पीछा करो, सक्सेस झक मारके तुम्हारे पीछे आएगी' - '3 इडियट्स' (2009)
साल 2009 में आई फिल्म '3 इडियट्स' से यह शक्तिशाली लाइन है जो लाइफ की गहरी बात सिखाती है. इस डायलॉग में समर्पण और जुनून का महत्व बताया गया है. जो लोग टैलेटेंडे होते हैं उन्हें अपना काम करना चाहिए क्योंकि ऐसे लोगों को सफलता जरूर मिलती है.
'अगर दुश्मन बाएं गाल पर मारेगा न, तो दायां गाल आगे करने का' - लगे रहो मुन्ना भाई (2006)
साल 2006 में आई फिल्म 'लगे रहो मुन्ना भाई' में मुन्ना 'गांधीगिरी' के विचार को सिखाया. ये डायलॉग लोगों को प्रेरित करता है कि कोई कुछ भी करे लेकिन हमें धैर्य और अहिंसा का पालन करना चाहिए.
'आल इज वेल' - 3 इडियट्स (2009)
ये लाइन एक तरह का घोषणापत्र बन गया था. जिन लोगों का सेल्फ कॉन्फिडेंट कम होने लगता है तो उन्हें खुद से 'आल इज वेल' कहना चाहिए. ये डायलॉग युवाओं में खूब फेमस हुआ और ये याद दिलाता है कि कभी-कभी चीजों का विश्वास करना कि सब ठीक हो जाएगा, इससे फर्क कर सकता है.
'कौन हिंदू, कौन मुसलमान, ये फर्क भगवान नहीं, तुम लोग बनाया है' - पीके (2014)
ऐसी दुनिया में जहां धर्म अक्सर लोगों के बीच मतभेद और संघर्ष पैदा करने के लिए इस्तेमाल होता है, वहीं 'पीके' में आमिर खान ने जो किरदार निभाया उसने धर्म का मतलब बताया. उसी फिल्म का 'कौन हिंदू, कौन मुसलमान, ये फर्क भगवान नहीं, तुम लोग बनाया है' डायलॉग हर किसी के दिल को छू गया.
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