नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेता रणबीर कपूर ने ऋषि कपूर की किताब 'खुल्लम खुल्ला' के प्राक्कथन में पिता के बारे में कई ऐसी बातें लिखी हैं, जो उनके चाहने वालों को ज़रूर जाननी चाहिए. लगभग 50 साल के अपने सिनेमाई करियर में 67 साल के ऋषि कपूर ने कई शानदार फिल्में की. लेकिन आखिरी फिल्म करने तक काम को लेकर उनका जज़्बा वैसा ही रहा, जैसा जवानी के दिनों में हुआ करता था.


किताब के प्राक्कथन में रणबीर कपूर ने ऋषि कपूर की सिनेमा में इतनी लंबी पारी को लेकर लिखा है कि वो पहले 20 साल शायद एक तरह का रोल निभाते रहे, लेकिन करियर के दूसरे पड़ाव पर उन्होंने कड़ी मेहनत की और अपनी क्षमताओं को दोबारा विकसित किया.


रणबीर ने लिखा कि ऋषि कपूर ने अपनी भूमिकाओं में विविधता लाने के लिए नए नए प्रयोग करने शुरू कर दिए थे. उन्होंने लिखा कि उनके पिता ने करियर के दूसरे दौर में अपने काम में आनंद लेना शुरू कर दिया था. साथ ही उन्होंने अपनी भूमिकाओं को निभाने में बच्चों जैसा उत्साह और स्वच्छन्द रवैया अपना लिया. रणबीर ने कहा कि ये सब इसलिए हुआ क्योंकि अभिनय के लिए उनके अंदर एक खास लगन थी. रणबीर ने इन बातों का ज़िक्र करते हुए लिखा कि उनके पिता की लंबी पारी और इस इंडस्ट्री में सम्मानपूर्वक ढंग से टिके रहने का राज़ भी यही है.


प्राक्कथन में रणबीर ने उन तमाम बातों का भी ज़िक्र किया है, जो उन्होंने अपने पिता से सीखीं हैं. उन्होंने लिखा कि जब उन्होंने साल 2006-07 में अपने फिल्मी करियर की शुरूआत की तब वो अपने परिवार के साथ ही रहते थे. रणबीर ने बताया कि उस वक्त वो देखा करते थे कि वो रोज़ सुबह शूटिंग के लिए तैयार होते थे. सालों तक इस इंडस्ट्री में काम करने के बाद भी उनके उत्साह में कोई कमी नहीं आई थी. उन्होंने बताया कि उनके पिता शूटिंग से जुड़ी छोटी से छोटी चीज़ पर भी खास ध्यान देते थे और इस आदत में कभी परिवर्तन नहीं आने दिया.


आपको बता दें कि 30 अप्रैल को मुंबई के रिलायंस अस्पताल में ऋषि कपूर का निधन हो गया था. वो काफी समय से कैंसर से जूझ रहे थे. कुछ महीने पहले ही वो न्यूयॉर्क से इलाज करा कर लौटे थे. हालांकि कोलोन इनफेक्शन की शिकायत पर उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था. जिसके बाद उन्होंने दम तोड़ दिया.