नाबालिग बलात्कारियों को भी बालिग रेपिस्ट की तरह ट्रीट करना चाहिए-रानी मुखर्जी
रानी मुखर्जी ने निर्भया कांड के सात साल होने बावजूद लड़कियों की सुरक्षा के हालात को लेकर अफसोस जताया और हाल ही में हुए हैदराबाद रेप और मर्डर प्रकरण पर कहा कि लड़कियों को चौकन्ना और पहले से और सतर्क रहने की जरूरत है.
मुंबई: आए दिन होने वाली रेप और फिर पीड़ित लड़कियों को जान से मार देने की वीभत्स घटनाओं से रानी मुखर्जी भी कम चिंतित और आहत नहीं हैं. अपनी जल्द रिलीज होने वाली फिल्म 'मर्दानी 2' में सुपरीटेंडेंट ऑफ पुलिस शिवानी शिवाजी रॉय के रोल में एक नाबिल रेपिस्ट और कत्ल के आरोपी को पकड़ने की कोशिश करती नजर आने वाली रानी ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत करते हुए निर्भया कांड, हैदराबाद रेप प्रकरण, 18 साल से कम उम्र के बलात्कारियों को बड़ों की तरह ट्रीट करने, रेप के मामलों में कानूनी मुस्तैदी, लड़कियों को सेल्फ डिफेंस तकनीक सिखाने व निर्भीक बनाने और लड़कों को लड़कियों की इज्जत करने की सीख देने जैसी तमाम बातों पर रोशनी डाली.
रानी मुखर्जी ने निर्भया कांड के 7 साल हो जाने बावजूद लड़कियों की सुरक्षा के हालात को लेकर अफसोस जताया और हाल ही में हुए हैदराबाद रेप और मर्डर के मामले पर कहा कि लड़कियों को चौकन्ना और पहले से और सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि रोजमर्रा की ज़िंदगी में लड़कियां घर नहीं बैठ सकती हैं, ऐसे में लड़कियों को आत्मरक्षा से जुड़ी ऐसी चीजें सिखाई जानी चाहिए, जिनके सहारे वो खुद ही रक्षा कर सकें.
रानी मुखर्जी ने नाबिलग बलात्कारियों को भी बालिग रेपिस्ट की तरह ट्रीट करने की भी बात कही. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जो (कमउम्र) लड़का रेप कर सकता है, तो ऐसे में उसपर रहम क्यों किया जाए... क्योंकि रेप तो आखिर रेप होता है.
रानी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि आज का दौर कुछ ऐसा है कि आप किसी की उम्र और शक्ल देखकर नहीं कह सकते हैं कि वह रेप नहीं करेगा... एक बच्चा (नाबालिग) भी किसी के साथ रेप कर सकता है.
रानी ने कहा इस तरह का सख्त माहौल और कानून को इस कदर सख्त बनाया जाना चाहिए कि कोई भी शख्स किसी का रेप करने के बारे में सोच भी न सके.
रानी ने इस बात पर भी जोर दिया कि किसी भी बलात्कारी को कानून के दायरे में ही सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आम लोग भी यही उम्मीद करते हैं, मगर जब कानूनी तरीके से लोगों को न्याय नहीं मिलता है, तभी वो अन्य (सड़़क पर सरेआम मार देने) तरीकों से न्याय किये जाने की मांग करते हैं और नाउम्मीद होने पर भी धरना-प्रदर्शन करने पर मजबूर होते हैं. रानी ने ऐसे मामलों में सुनवाई को फास्ट ट्रैक किये जाने की भी मांग की.
रानी ने अपनी चार साल की बेटी आदिरा का उदाहरण देते हुए कहा कि वे अभी से आदिरा से कहती हैं कि वो सबसे ज्यादा स्ट्रॉन्ग हैं और वो किसी भी हालत का मुकाबला कर सकती हैं. उन्होंने कहा हम हमेशा से ही लड़कों को हर चीज करने के लिए बढ़ावा देते हैं, मगर हम हमेशा ही हर बात पर लड़कियों को रोकते-टोकते हैं जो कि गलत है. उन्होंने कहा कि मां-बाप को लड़के और लड़कियों की परवरिश में किसी तरह का भेदभाव नहीं करना चाहिए और बचपन से ही समानता की सोच को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.
रानी मुखर्जी ने कहा लड़कों को लड़कियों, मां, बहन, बीवी से इज्जत से पेश आने की सीख दी जानी बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि जब कोई बच्चा अपने ही घर में अपनी मां के साथ बदसलूकी होते देखता है तो ऐसी तमाम बातें उसके जेहन पर गहरा असर करती हैं और आगे चलकर वह खुद भी यही सब करता है और लड़कियों के साथ बदसलूकी से पेश आता है.
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