शुक्रवार को इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2017 में पहुंची रानी मुखर्जी से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ''पद्मावती को लेकर जो भी विवाद चल रहा है उस बारे में मेरे दिमाग में बहुत सारी बाते हैं लेकिन वो कहने के लिए ये प्लेटफॉर्म सही जगह नहीं है. मैं बस इतना कह सकती हूं कि एक समाज और इंसानियत के नाते हमें लविंग होने की जरूरत है. जो भी नफरत फैलाने वाली चीजें हैं उससे हमें खुद को दूर रखने की जरूरत है. मुझे प्यार में विश्वास है क्योंकि मैं अब एक मां भी हूं. मैं मानती हूं कि जब आप एक बच्चे को जन्म देते हैं उस समय आप जिस प्यार को महसूस करते हैं अगर वही हम अपने आस पास को लोगों को दें तो ये जिंदगी जीने के लिए और भी खूबसूरत हो जाएगी.''
इसके अलावा भी रानी ने यहां कई मुद्दों पर बातचीत की. लंबे समय के बाद बड़े पर्दे पर 'हिचकी' से वापसी कर रहीं इस अभिनेत्री ने यहां कहा कि वह अपने पति और फिल्मकार आदित्य चोपड़ा से फिल्मों में अपनी कास्टिंग के लिए नहीं कहतीं. रानी ने में कहा, "मैं आदित्य से काम के बारे में बात नहीं करती. मैं उन्हें अपनी फिल्मों में मुझे कास्ट करने के लिए नहीं कहती. मैं उन्हें केवल इतना कह सकती हूं कि हमें अगले बच्चे की प्लानिग कब करनी है. आदित्य से मेरी बातचीत प्यार और आदिरा को लेकर होती है."
'ब्लैक', 'लागा चुनरी में दाग', 'मर्दानी' और 'नो वन किल्ड जेसिका' में नजर आ चुकीं रानी का कहना है कि वह कभी भी कलाकार बनना नहीं चाहती थी.
भाई-भतीजावाद के मुद्दे पर रानी ने कहा, "मैं यह नहीं कहूंगी कि मुझे फिल्म इंडस्ट्री में आसानी से एंट्री मिल गई. आपको जो मिलता है आपकी प्रतिभा और योग्यता से मिलता है. इसे पाने के लिए पसीना बहाना होता है और हर तरह के वातावरण में काम करना होता है."
उन्होंने कहा, "जब मुझे फिल्में मिली थी तब मेरे पिता बहुत सफल निर्देशक या निर्माता नहीं थे. भाई-भतीजावाद को लेकर हो रही बहस निराधार है. लोग गैर-फिल्मी पृष्ठभूमि से आते हैं और बॉलीवुड में नाम कमाते हैं." (IANS Input)