Mid-Day Meal Review: स्कूली बच्चों के भविष्य को बचाने की पुरज़ोर कोशिश है 'मिड-डे मील'
'मिड-डे मील' की कहानी आपको भीतर तक झकजोर देगी. स्कूलों में पढ़नेवाले मासूम बच्चों की सेहत और भविष्य की क़ीमत पर कोई अपनी जेबों को भरने के घृणित कृत्य के बारे में कैसे सोच सकता है भला?
Mid-Day Meal Review: सालों पहले बच्चों में स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पूरे देश में मिड-डे मील नामक एक बेहद महत्वाकांक्षी योजना लागू की थी. इस योजना का देशभर में अच्छा प्रतिसाद देखने को मिला और तमाम सरकारी स्कूलों में पहले के मुक़ाबले पढ़ने वाले बच्चों की संख्या में असामान्य वृद्धि दर्ज़ की गयी और बीच में ही स्कूल छोड़नेवाले बच्चों की तादाद में भारी कमी देखी गयी. मगर ऐसा नहीं है कि इस योजना के नाम पर भ्रष्टाचार के माध्यम से देश के कई स्कूलों में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा रहा है. इस योजना के नाम पर बच्चों के भविष्य और सेहत के साथ हो खिलवाड़़ करनेवाले भ्रष्ट तंत्र को उजागर करनेवाली फ़िल्म का नाम है 'मिड-डे मील'.
फिल्म का प्लॉट
आज देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई फ़िल्म 'मिड-डे मील' की कहानी आपको भीतर तक झकजोर देगी और आपको यह सोचने पर मजबूर कर देगी कि स्कूलों में पढ़नेवाले मासूम बच्चों की सेहत और भविष्य की क़ीमत पर कोई अपनी जेबों को भरने के घृणित कृत्य के बारे में कैसे सोच सकता है भला? मगर इसी वास्तविकता को फ़िल्म के निर्माता और निर्देशक अनिल सिंह चंदेल ने बड़े ही सशक्त ढंग से पेश किया है.
रेटिंग- 4 स्टार
एक गांव में मिड-डे मील योजना को ट्रायल प्रोजेक्ट के तौर पर बेहतर ढंग से लागू करने पहुंचा फ़िल्म का नायक अभिजीत (अनिल सिंह) उस वक्त हैरान रह जाता है जब वहां के स्कूल में लागू मिड-डे मील योजना में उसे भारी गड़बड़ियों का पता चलता है. ऐसे में अभिजीत इस पूरे घोटाले की तह तक जाकर इसकी हक़ीक़त पता लगाने में जुट जाता है. इस दौरान गांव के ठाकुर (रणवीर शौरी) से लेकर इस पूरे तंत्र के कई खलनायकों से उसका मुक़ाबला होता है.
कमाल का निर्देशन
अनिल सिंह चंदेल ने ना सिर्फ़ इस फ़िल्म में मुख्य नायक के तौर पर काम कर अपने अभिनय की छाप छोड़ी है, बल्कि उन्होंने इस फ़िल्म के निर्माण के साथ-साथ इसमें अपने निर्देशन का कमाल भी दिखाया है. उन्होंने पूरी संजीदगी के साथ इस फ़िल्म को निर्देशित किया है जो सीधे तौर पर दर्शकों के दिलों को प्रभावित करती है.
शानदार एक्टिंग
अगर अभिनय की बात की जाए तो अनिल सिंह के अलावा रणवीर शौरी, जाह्नवी राव, भगवान तिवारी, शाहनवाज प्रधान, आशीष आठवले और झुमा विश्वास ने भी बढ़िया अदाकारी से इस फ़िल्म को निखारने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. देशभर के सिनेमाघरों में आज रिलीज़ हुई इस बेहद महत्वपूर्ण फ़िल्म को देखना ना भूलें और अपने साथ-साथ अपने परिवारवालों और दोस्तों को भी साथ ले जाएं.