Rasika Joshi Unknown Facts: बात नाम की हो तो शायद लोग उन्हें पहचानने से ही इनकार कर दें, लेकिन उनकी सूरत देखते ही शोहरत की निशानी मिल जाती है. दरअसल, उन्होंने अपनी अदाकारी से ही ऐसी शख्सियत बनाई कि लोग उनके अंदाज पर ठहाके लगाने को मजबूर हो जाते हैं. बात हो रही है रसिका जोशी की, जिनकी आज बर्थ एनिवर्सरी है. ऐसे में हम आपको रसिका की जिंदगी के चंद पन्नों से रूबरू करा रहे हैं.


थिएटर की मंझी हुई आर्टिस्ट थीं रसिका


मराठी ब्राह्मण परिवार में 12 सितंबर 1972 के दिन जन्मी रसिका जोशी किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. उन्होंने एक्टिंग की दुनिया में अपना सफर थिएटर से शुरू किया था. उनका पहला नाटक लता नार्वेकर के ऊंचा मझा जोका था, जिसमें अपनी अदाकारी से उन्होंने समां बांध दिया था. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि रसिका ने बतौर राइटर और डायरेक्टर भी काम किया था.


बड़े पर्दे पर बनाई पहचान


रसिका जोशी के करियर की बात करें तो फिल्म भूल भुलैया में जानकी बुआ का उनका किरदार शायद ही कोई भूल पाया हो. एकदम नैचुरल अंदाज में डर दिखाने की एक्टिंग किसी भी हंसी छुड़ा सकती है. इस फिल्म में रसिका ने अपने बेजोड़ अभिनय से हर किसी का दिल जीत लिया था. बता दें कि रसिका ने बिल्लू बार्बर, गायब, वास्तुशास्त्र, जॉनी गद्दार, मालामाल वीकली, भूत अंकल, खलबली और एक हसीना थी आदि फिल्मों में काम किया था.


छोटे पर्दे पर भी जमकर कमाया नाम


रसिका जोशी की अदाकारी का दम छोटे पर्दे पर भी नजर आया था. उन्होंने गंमत जंमत, हंसा चकटफू, आनंदवन और प्रपंच आदि धारावाहिकों में काम करके अपने अभिनय का लोहा मनवाया. साथ ही, उन्होंने बंदिनी सीरियल में मोतीबेन की भूमिका निभाकर हर किसी का दिल जीत लिया था.


कैंसर से लड़कर हारीं जिंदगी की जंग


रसिका जब बंदिनी सीरियल में काम कर रही थीं, उस दौरान उन्हें कैंसर होने की जानकारी मिली. ऐसे में उन्होंने इलाज के लिए एक्टिंग की दुनिया से विदा ले ली. साथ ही, अपना पूरा ध्यान अपने इलाज पर लगा दिया. उन्होंने इस बीमारी पर जीत हासिल करने की काफी कोशिश की, 7 जुलाई 2011 के दिन जिंदगी की बाजी हारकर इस दुनिया को अलविदा कह गईं.


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