अभिनेता शाहरुख खान के प्रोडक्शन हाउस ने बृहस्पतिवार को दिल्ली हाई कोर्ट का रुख कर अनुरोध किया कि बिना उसका पक्ष जाने कोई भी आदेश जारी नहीं किये जाएं क्योंकि आशंका है कि सिखों का एक संगठन आगामी फिल्म ‘जीरो’ के दृश्यों पर आपत्ति जताते हुए याचिका दायर कर सकता है.


रेड चिली इंटरटेनमेंट ने कैविएट याचिका में कहा है कि उसे आशंका है कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके, समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले दृश्यों को लेकर उसके खिलाफ याचिका दायर कर सकते हैं. कंपनी ने अदालत से बिना उसका पक्ष जाने आदेश पारित नहीं करने का अनुरोध किया है.


कंपनी ने यह कदम ऐसे वक्त उठाया है जब डीएसजीएमसी ने हाल में उसे एक नोटिस भेजकर आरोप लगाया कि आगामी फिल्म में आपत्तिजनक दृश्य से सिखों की भावनाएं आहत हुई है. डीएसजीएमसी का आरोप है कि फिल्म के प्रोमो और पोस्टर में शाहरुख खान को सिखों के धार्मिक प्रतीक कृपाण के साथ दिखाया गया है.


बंबई हाई कोर्ट में दर्ज है याचिका


फिल्म ‘जीरो’ के निर्माताओं और अभिनेता शाहरुख खान के खिलाफ दायर याचिका पर बंबई हाई कोर्ट 30 नवम्बर यानी आज सुनवाई करेगा. इस याचिका में दावा किया गया है कि फिल्म के ट्रेलर से सिख समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं. वकील अमृतपाल सिंह खालसा ने इस महीने की शुरुआत में याचिका दायर कर कोर्ट से फिल्म के निर्देशक और निर्माताओं को उस दृश्य को हटाने का निर्देश देने को कहा था, जिसमें शाहरुख ‘कृपाण’ पहने दिखते हैं.


याचिका में केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से भी फिल्म को प्रमाणपत्र ना देने और अगर दे दिया गया है तो उसे रद्द करने की अपील की गई है. खालसा ने सोमवार को न्यायमूर्ति बी पी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति एस वी कोतवाल की एक खंडपीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया, जिन्होंने इस पर सुनवाई के लिए 30 नवम्बर की तारीख तय की .


क्या है मामला


सिख संगठनों का आरोप है कि फिल्म ‘ज़ीरो’ के ज़रिए कथित तौर पर सिखों की भावनाओं को आहत किया गया. फिल्म के एक सीन में शाहरुख खान कृपाण पहने नजर आ रहे हैं और सिख संगठन इसी का विरोध कर रहे हैं.  इस फिल्म में शाहरुख ने बौआ सिंह नाम के एक छोटे कद के लड़के का किरदार निभाया है.