संजय की बायोपिक फिल्म के लिए टाइटल सुझाने वाले को मिलेगा इनाम: हिरानी
भोपाल: फिल्म अभिनेता संजय दत्त की जिंदगी पर आधारित (बायोपिक) फिल्म का अभी तक नाम तय नहीं है, और लोगों द्वारा सुझाए गए नाम में से ही किसी एक नाम को चुना जाएगा. जिस व्यक्ति के सुझाए नाम को चुना जाएगा, उसे इनाम दिया जाएगा. यह ऐलान शुक्रवार को फिल्म के निर्देशक राजकुमार हिरानी ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में की.
जो अच्छा नाम सुझाएगा उसे इनाम दिया जाएगा: हिरानी
भोपाल में फिल्म की शूटिंग के लिए आए हिरानी ने अपने अन्य साथियों विधु विनोद चोपड़ा, अभिजात जोशी और फिल्म के मुख्य किरदार रणबीर कपूर और विक्की कौशल की मौजूदगी में कहा, "संजय दत्त की बायोपिक का अभी तक नाम तय नहीं हुआ है, और इसके लिए वे कॉन्टेस्ट रखेंगे, जो अच्छा नाम सुझाएगा उसे इनाम दिया जाएगा."
एक ने कहा फिल्म का नाम हो व्यापम
हिरानी सहित सभी ने जब मीडिया से कहा कि आप भी फिल्म का नाम बताइए और इनाम पाइए तो सामने से आवाज आई, व्यापम बेहतर होगा. गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में व्यावसायिक परीक्षा मंडल घोटाला हुआ है, जिसमें कई लोगों की मौत हो चुकी है और कई जेलों में हैं.
क्या किसी नेता पर बनेगी बायोपिक?
इस मौके पर मीडिया ने जब संजय दत्त की बायोपिक से जुड़ी टीम से पूछा कि क्या वे किसी नेता पर इस तरह की फिल्म बनाने का प्रयास करेंगे? टीम ने कहा, "कोई नेता ईमानदारी और सच्चाई से अपनी जिंदगी के बारे में बताएगा तो जरूर वे इस पर विचार कर सकते हैं. अभी तक ऐसा कोई नेता उन्हें मिला नहीं है."
संजय दत्त के परिवार वालों से बातचीत के बाद फिल्म बनाने का निर्णय लिया: हिरानी
हिरानी ने आगे कहा कि वे 'मुन्ना भाई 2' बनाने के लिए संजय दत्त के पास गए थे, मगर जब उनकी जिंदगी की कहानी सुनी तो उन्हें लगा कि संजय दत्त पर बायोपिक बनाई जा सकती है. "इससे पिता-पुत्र के रिश्तों का पता चलता था. इसके लिए संजय दत्त और उनके परिवार से जुड़े लोगों से बातचीत करने के बाद इस फिल्म को बनाने का निर्णय लिया."
200 घंटों की रिकॉर्डिंग में कैद है संजय दत्त के जिंदगी की कहानी: हिरानी
हिरानी ने आगे कहा, "इस फिल्म के लिए संजय दत्त की जिंदगी की कहानी सुनी, इसकी दो सौ घंटे की रिकार्डिग है. उसके बाद उनके परिजनों, पत्रकारों और उनके जानने वालों से चर्चा की, क्योंकि हम एकतरफा फिल्म नहीं बनाना चाहते थे."
फिल्म की शूटिंग के दौरान कई बार रो पड़े संजय दत्त: हिरानी
उन्होंने कहा, "संजय दत्त को कभी रोते नहीं देखा, फिल्मों में जरूर देखा है, मगर इस फिल्म की शूटिंग के दौरान वे कई बार रो पड़े. संजय दत्त ने इस फिल्म को लेकर यहां तक कहा कि तुमने ढाई घंटे में मेरी पूरी जिंदगी दिखा दी."
फिल्म में है बाप-बेटे के बीच के रिश्तों की कहानी: हिरानी
विधु विनोद चोपड़ा ने कहा, "यह फिल्म ऐसी होगी, जो मनोरंजक होने के साथ ही पारिवारिक भी होगी. इस फिल्म का रफ-कट तक लोगों को पसंद आएगा. यह रफ-कट थ्री ईडियट से बेहतर है. यह फिल्म शिक्षा देने वाली भी होगी. इस फिल्म में बेटे का बाप से क्या रिश्ता होता है और उसे किस तरह से निभाया जाना चाहिए, यह मैसेज दर्शकों को मिलेगा."
संजय दत्त का किरदार निभाने के दौरान लगा मानो कि उस इंसान में सब कुछ है: रनबीर कपूर
फिल्म के मुख्य किरदार रनबीर कपूर ने कहा, "संजय दत्त की जिंदगी पर आधारित फिल्म में उनकी भूमिका निभाते वक्त ऐसा लगता है मानो उस इंसान में सब कुछ है, कभी-कभी लगता है कि एक इंसान इतनी सारी जिंदगियां कैसे जी लेता है. इस तरह की जिंदगी जीने के लिए सौ जन्म लेने पड़ेंगे."
ऐसे मौके बार-बार नहीं बातें: रनबीर कपूर
रनबीर ने कहा, "संजय दत्त बनने के लिए उन्हें बड़ी मेहनत करनी पड़ी है, क्योंकि वह मानते हैं कि ऐसे मौके बार-बार नहीं आते हैं. एक इंसान को समझना और उसकी भूमिका निभाना कठिन है."