बॉलीवुड के अभिनेता ऋषि कपूर अब हमारे बीच नहीं है. उनका 30 अप्रैल 2020 को निधन हो गया. वह अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते थे. आज उनका जन्मदिन है. ऋषि कपूर आज हमारे बीच होते, तो वह अपना 68वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे होते. उनका जन्म 4 सितंबर 1952 को हुआ था. वह 21 साल के थे जब उन्होंने बॉलीवुड में फिल्म 'बॉबी' से डेब्यू किया. वह 70 के दशक मोस्ट रोमांटिक हीरो थे.
ऋषि कपूर ने बॉलीवुड को अपने जीवन के 5 दशक दिए. इस दौरान उन्होंने कई सुपरहिट रोमांटिक और देशभक्ति से भरी फिल्में दीं. जिन्हें काफी पसंद किया. लोग प्यार से उन्हें चिंटू कहते थे. मनोरंजन जगत उनकी कमी को कभी पूरा नहीं कर पाएगा. लेकिन वह हमारे दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे. आज उनका जन्मदिन है. इस मौके पर हम उनकी लाइफ से जुड़े कुछ अनसुने किस्ते बता रहे हैं.
'मेरा नाम जोकर' के लिए नेशनल अवार्ड
ऋषि कपूर ने बतौर बाल कलाकार राज कपूर की फिल्म 'मेरा नाम जोकर' से ही. इसमें उन्होंने अपने पिता के बचपन का किरदार निभाया. इस किरदार के लिए उन्होंने नेशनल अवार्ड भी मिला. ऋषि कपूर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि मेरा नाम जोकर को रिलीज करने के लिए राजकपूर ने अपना स्टूडियो और उनकी सारी संपत्ति गिरवी रख दी थी. लेकिन फिल्म फ्लॉप हो गई. इसके बाद उन्होंने बॉबी बनाई, जो सुपरहिट हुई. इसके बाद उनके(राज कपूर) के दोस्त और भाई ने एक घर खरीदने के लिए कहा.
लेडीज ट्राउजर पहन कर किया शूट
साल 2017 में ऋषि कपूर ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि वह एक बार बैरूत में शॉपिंग कर रहे थे. वहां उन्हें एक ब्लैक बेल-बॉटम ट्राउजर पसंद आया और उसे खरीद लिया. वह चाहते थे कि इसे पहनकर वह एक गाना शूट करें, लेकिन वो लेडीज ट्राउजर था क्योंकि उसकी जिप हिप साइड पर थी. यह थोड़ा निराशाजनक था, लेकिन उन्होंने इस पहन कर 'ओह हंसिनी' सॉन्ग को शूट करवाया.
सॉन्ग और निकनेम से नफरत
ऋषि कपूर को उनकी फिल्मों के कई गाने पसंद नहीं होते थे. ऐसा ही उनकी सुपरहिट फिल्म रही 'कर्ज 'के एक सॉन्ग 'ओम शांति ओम' के साथ हुआ. इसके अलावा, ऋषि कपूर को किसी निकनेम पसंद नहीं थे. उन्होंने एक ट्वीट करके कहा था कि पेरेंट्स को अपने बच्चों के निकनेम नहीं रखने चाहिए.
खाने के शौकीन
ऋषि कपूर को खाने से काफी प्यार था. वह नॉन वेजिटेरियन फूड को सबसे ज्यादा पसंद करते थे. इस बात को शायद ही कोई जानता हो. लेकिन वह तिरुपति के दर्शन करने बाद से वेजिटेरियन हो गए थे. वह हेल्दी ब्रेकफास्ट के शौकीन थे. वह कहते थे कि पराठों की खूशबू उनके मन को बहका देता था.
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