रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले का कहना है कि फिल्म प्रोड्यूसर्स और प्रोडक्शन हाउसेज को एनसीबी की जांच में जिन्हें ड्रग्स मामले में आरोप बनाया गया है, उन्हें फिल्मों में काम नहीं दिया जाना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि अगर इन आरोपियों को फिल्मों में कास्ट किया गया, तो इनकी फिल्मों की स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने ये भी कहा कि महिला और पुरुष कलाकारों में कोई भी भेदभाव नहीं होना चाहिए.


रामदास आठवले ने ट्वीट कर लिखा,"फिल्म निर्माताओं को उन कलाकारों को शामिल नहीं करना चाहिए जिन पर नारको विभाग द्वारा उन पर नशीली दवाओं की लत के रूप में मुकदमा चलाया गया है; अन्यथा जिन फिल्मों में ये कलाकार होंगे, आरपीआई उन फिल्मों की शूटिंग बंद कर देगा और ऐसी फिल्मों को प्रदर्शित नहीं होने देगा."





पुरुष और महिला कलाकारों में भेदभाव नहीं


रामदास आठवले ने अपने दूसरे ट्वीट सिर्फ में महिला कलाकारों से हो रही पूछताछ पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने लिखा," नशीले पदार्थ के सेवन के मामले में NCB द्वारा केवल महिला अभिनेताओं से पूछताछ करने का संदेश जा रहा है. अगर इसमें अभिनेताओं के नाम हैं, तो उनसे भी पूछताछ की जानी चाहिए. पुरुषों और महिलाओं के बीच कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. लेकिन केवल अभिनेत्रियों के नाम कैसे आ रहे हैं, इस सवाल को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए!"





सिर्फ एक्ट्रेस के नाम


बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत केस में आए ड्रग्स मामले में रिया चक्रवर्ती ने एनसीबी के सामने लगभग 25 बॉलीवुड सेलेब्स के नाम खुलासा किया था. ये सभी ड्रग्स का इस्तेमाल या खरीद-फरोख्त करते हैं. इनमें सारा अली खान, रकुलप्रीत सिंह और रणवीर सिंह की फैशन डिजाइनर सिमोन खंबाटा, दीपिका पादुकोण, श्रद्धा कपूर, नम्रता शिरोडकर और दिया मिर्जा सहित कई लोगों का नाम खुलकर सामने आया है.


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