नई दिल्ली: फैशन डिजाइन सब्यासाची हाल ही में अपने उस कमेंट को लेकर लाइमलाइट में आ गए जिसमें उन्होंने साड़ी न पहनकर वेस्टर्न आउटफिट पहनने वाली महिलाओं पर टिप्पणी की थी. सोशल मीडिया पर कई महिलाएं उनके इस बयान का विरोध करने लगीं. मामले को बढ़ता देख सब्यासाची ने अपनी ओर से सफाई पेश की है. सब्यायाची ने कहा है कि मेरा मकसद हमारे देश की सभ्यता और संस्कृति पर टिप्पणी करना था जो अब फेमिनिज्म पर डिबेट बन गया है.
सब्यासाची ने कहा, ''क्योंकि मुझसे साड़ी को लेकर सवाल किया गया था और साड़ी महिलाएं पहनती हैं. मैं पुरूषों द्वारा पहनी जानी वाली धोती पर भी यही राय रखता हूं. मैनें महिलाओं की पसंद या नापसंद पर टिप्प्णी नहीं की कि उन्हें क्या पहनना चाहिए. ये हमेशा उनकी मर्जी होती है.'' हार्वर्ड इंडिया कॉन्फ्रेंस में भारतीय स्टूडेंट्स के साथ हुई बातचीत के बारे में बात करते हुए सब्यासाची ने कहा, ''मुझे लगता है अगर आप मुझसे कहेंगे की मुझे साड़ी पहनना नहीं आता. तो मैं कहूंगा शर्म करो. ये हमारी संस्कृति का हिस्सा है. आपको इसके साथ खड़ा होना चाहिए.''
'साड़ी न पहनने वाली महिलाओं को शर्म आनी चाहिए क्योंकि...': सब्यासाची
सब्यासाची ने आगे कहा, 'महिलाएं और पुरूष इन दिनों ऐसा बनने के लिए बहुत मेहनत करते हैं जैसे वो हैं ही नहीं. पहनावा ऐसा होना चाहिए जो आपकी जड़े से जुड़ा हो.'' इसके साथ ही आपको बता दें कि सब्यासाची ने हार्वर्ड इंडिया कॉन्फ्रेंस में बोलते समय ये भी कहा था कि धोती का पहनावा तो जैसे दम तोड़ चुका है. अपने कमेंट के बारे में बात करते हुए सब्यासाची ने साफ कर दिया है कि ये उनके व्यक्तिगत विचार हैं.
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आपको बता दें कि सब्यासाची के इस कमेंट के बारे में पता चलते की महिलाओं ने सोशल मीडिया पर उन्हें आड़े हाथों ले लेना शुरू कर दिया था. इतना ही नहीं सब्यासाची को इसके लिए एक महिला ने ओपन लेटर तक लिख दिया था. इसके साथ ही सब्यासाची ने हार्वर्ड इंडिया कॉन्फ्रेंस में बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की उपमा भी दी.
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उन्होंने दीपिका का नाम लेते हुए कहा कि वो कहीं भी जाती है तो अक्सर साड़ी ही पहनती हैं. इस दौरान सब्यासाची ने साड़ी की तारीफ करते हुए कहा कि साड़ी पहनना बेहद आसान है और इसे पहनकर युद्ध लड़े गए हैं. दादी मांएं साड़ी पहनकर सो जाती थीं और सुबह उठती थीं तो इस पर जरा भी सिकुड़न नहीं होती थी.