Sai Paranjpye Birthday: इस निर्देशक ने महज 8 साल की उम्र में लिख दी थी किताब, फिर सिनेमा को ऐसे किया 'स्पर्श'
Sai Paranjpye: उन्होंने सिनेमा को 'स्पर्श' किया तो बॉलीवुड चमक उठा. बाद में ऐसी कहानी लिखी, जो ऑल टाइम क्लासिक बन गई. बात हो रही है सई परांजपे की, जिनकी प्रतिभा का हर कोई कायल है.
Sai Paranjpye Unknown Facts: सई परांजपे को बॉलीवुड के दिग्गजों निर्देशकों में शुमार किया जाता है. अपनी जबर्दस्त फिल्मों की वजह से उन्होंने बॉलीवुड में अपने प्रतिभा का लोहा मनवाया. आज उनके जन्मदिन पर आइए जानते हैं उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ किस्से.
कलाकारों के परिवार से है ताल्लुक
सई का जन्म 19 मार्च 1938 को मुंबई में हुआ था. उनकी प्रतिभा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि महज आठ साल की उम्र में उन्होंने एक किताब लिख डाली थी. वह कलाकारों के परिवार से ताल्लुक रखती थीं. उनके पिता वॉटर कलर आर्टिस्ट थे, जबकि उनकी मां एक अभिनेत्री थीं.
फिल्मों की है यह खासियत
निर्देशक के तौर पर सई ने अपनी फिल्मों से बॉलीवुड पर गहरी छाप छोड़ी है. उनकी फिल्मों पर अगर गौर किया जाए तो उनके द्वारा गढ़े गए किरदारों को हर आम आदमी खुद से जुड़ा महसूस करता है. चाहे वह कॉमेडी फिल्म चश्म-ए-बद्दूर हो या फिर संजीदा फिल्म 'स्पर्श' और 'दिशा'. सई की हर फिल्म आम लोगों के संघर्ष की अलग ही कहानी बयां करती है. इसके अलावा सई की फिल्मों की खास बात यह भी है कि इसमें बैकग्राउंड म्यूजिक बिल्कुल नाम मात्र का होता है. यही वजह है कि उनकी फिल्में देखने पर दर्शक का इससे गहरा जुड़ाव हो जाता है.
कई पुरस्कार कर चुकी हैं अपने नाम
उनके करियर की सबसे बड़ी हिट फिल्म चश्म-ए-बद्दूर है. यह तीन बेरोजगार दोस्तों की कहानी है. फिल्म को ऑल टाइम क्लासिक कॉमेडी के लिस्ट में शुमार किया जाता है. इसके अलावा नसीरूद्दीन शाह और शबाना आजमी की फिल्म स्पर्श से भी उन्होंने खूब वाहवाही बटोरी. भले ही यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कमाल नहीं दिखा सकी, लेकिन आज भी इस फिल्म के लिए उनके काम की तारीफ होती है. अपनी फिल्मों के लिए सई तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजी जा चुकी हैं. इसके अलावा दो बार वह फिल्मफेयर अवॉर्ड भी हासिल कर चुकी हैं. कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए भारत सरकार उन्हें साल 2006 में पद्म भूषण से सम्मानित कर चुकी है.