बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान (Saif Ali Khan) ने अपने सालों के करियर में कई ऐसे किरदार निभाए है जो दर्शकों के दिलों को छू गए है. हालांकि उन्हें उनके करियर में बहुत सारे सोब्रीकेट दिए गए हैं - दूसरा खान और चौथा खान उनमें से सिर्फ दो हैं, लेकिन सैफ ने इन सभी की परवाह किए बिना अपनी मेहनत से सफलता का मुकाम हासिल किया.


जितना सोचा था उससे ज्यादा सफल हूं - सैफ


हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में सैफ ने इस सफर की बात करते हुए कहा कि, "मैंने जितना सोचा था आज मैं उससे कहीं ज्यादा सफल हूं, और खुश भी हूं."  साथ ही उन्होंने ये दावा भी किया है कि करियर के इस पड़ाव पर वो बिना किसी डर के "पागलपन और दिलचस्प" तरीके किरदार निभा सकते हैं.


अपने करियर से खुश हूं - सैफ


इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में सैफ ने कहा कि, "मुझे लगता है कि मैं अपने करियर के एक अच्छे फेस में हूं जहां मैं अभी खूब एंजॉय कर रहा हूं और अपने काम के बारे में बहुत कुछ सीख भी रहा हूं. मेरे गुरु के रूप में अल पचिनो जैसे लोग मेरे साथ हैं. जिनसे मैं बहुत कुछ सीखता हूं.


चीजों को देखने का मेरा नजरिया बहुत अलग है


सैफ ने इस दौरान ये भी बताया कि, दिग्गज एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर और महान क्रिकेटर मंसूर अली खान के बेटे होने के नाते मुझ पर बहुत जिम्मेदारी थी. उन्होंने बताया कि, "आप नहीं चाहते कि लोग आपको गाली दें या आप पर चप्पल फेंके. इसलिए आप फिल्म इंडस्ट्री में आते हैं. मेरे पास कोई भी अनुभव नहीं था. और इंडस्ट्री में कई ऐसे लोग है जो अपनी पहली फिल्म से लेकर अब तक सुपरस्टार ही हैं. मेरा अच्छा प्रदर्शन करना या दर्शक मुझे पसंद कर रहे हैं, ये मेरी मानसिक स्थिति के लिए एक मिरर रिएक्शन रहा है. मेरे पालन-पोषण और शिक्षा की वजह से चीजों पर मेरा एक बहुत ही इंटरनेशनल नजरिया है. जोकि हिंदी फिल्मों के हीरो के लिए एकदम उल्टा था. और ये मेरे लिए बहुत मुश्किल भी था.


मुझे जो ऑफर हुआ मैंने उसमें से बेस्ट चुना


सैफ ने आगे कहा कि, “जब मैं अपनी पुरानी फिल्में देखता हूं, तो मुझे लगता है कि एक संभावना थी. मैं कोशिश कर रहा था. आप देख सकते हैं कि मुझे जो ऑफर हुआ उसमें से मैंने बेस्ट को चुना है. ये मेरे लिए ब्रेड और बटर भी थ.


‘आदिपुरुष’ को लेकर सैफ ने किया खुलासा


वहीं उन्होंने अपनी फिल्म आदिपुरुष के बारे में भी एक खुलासा किया, उन्होंने कहा कि, "मुझे लगता है कि आदिपुरुष सिनेमाई इतिहास का हिस्सा होगा. और मुझे लगता है कि ओम राउत के आसिफ का पुनर्जन्म है! वो बिल्कुल जुनूनी पागल है. लेकिन ये कभी-कभी बहुत थकाऊ भी है, जब पांच लोग आपको हर समय छूते हैं, आपकी ड्रेस को ठीक करते रहते हैं. ऐसे में आप कभी-कभी आप कैमरे के सामने मांस के टुकड़े की तरह होते हैं. इसलिए मैं विक्रम वेधा जैसी फिल्म करना पसंद करूंगा जहां मैं एक सिंपल इंसान की तरह दिख सकूं. लेकिन मैं ऐसे के लिए वेट नहीं कर सकता.


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