Saira Banu Post: दिग्गज एक्ट्रेस सायरा बानो अक्सर इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हुए पुराने किस्से शेयर करती हैं. वे कई बार अतीत के उन पन्नों को खोलती दिखती हैं जिससे आजकल के लोग अनजान हैं. हाल ही में सायरा बानो ने एक लंबा नोट लिखते हुए 64 साल पुराना किस्सा बताया है और दावा किया है कि दिवंगत एक्ट्रेस मधुबाला उनके दिवंगत पति और एक्टर दिलीप कुमार में दिलचस्पी रखती थीं.


सायरा बानो ने इंस्टाग्राम पर अपनी एक पुरानी फोटो और फिल्म 'मुगल-ए-आजम' का एक पोस्टर शेयर किया है. इसके साथ उन्होंने लिखा- 'इसके बाद मैंने अपनी मां को अपने वेस्टर्न ब्लाउज और स्कर्ट से बाहर निकालने और सबसे भारी गोटा लगी साड़ी मुझे सौंपने के लिए राजी किया जो उनके पास थी.' 






सायरा बानों ने पहनी थी एक टन वजन वाली साड़ी
सायरा बताती हैं- 'कॉस्ट्यूम का असर मेरे ऊपर चीख-पुकार मचाने वाला था क्योंकि मेरा वजन मुश्किल से कम से कम पेपर वेट किलो था और साड़ी का वजन एक टन था. लेकिन क्या आपको लगता है कि मैं हार मान लूंगी? मैंने अपनी मां की मदद से इसे पहना और जब मैं भारी कपड़े के साथ-साथ चल रही थी, तब मैंने बहुत बहादुरी से झूलने के तूफान का सामना किया.'


मधुबाला को थी दिलीप कुमार में दिलचस्पी!
उस दौर की हसीनाओं का दिलीप कुमार पर क्रश होने और अपनी शादी दिलीप से होने को लेकर भी सायरा ने बात की. उन्होंने लिखा- 'मैंने कई सालों तक हवा में महल बनाए थे और सभी मंत्रमुग्ध कर देने वाली खूबसूरत महिलाओं जैसे मनमोहक सुंदरी मधुबाला और कई दूसरे लोगों को अच्छी तरह से जानती थी, जो साहिब में दिलचस्पी रखते थे, लेकिन क्या आपको लगता है कि कुछ भी मुझे मेरे मिसेज दिलीप कुमार बनने के सपने से रोक सकता था?' 



सालों पुराने किस्से को सायरा बानो ने किया याद
सायरा ने फिर लिखा- 'आखिरकार प्रीमियर 5 अगस्त, 1960 को मराठा मंदिर में हुआ, जहां पूरी फिल्म इंडस्ट्री उमड़ी हुई थी और मेरी आंखें बेतहाशा एक चेहरे से दूसरे चेहरे की तलाश कर रही थीं, लेकिन साहब की कोई झलक नहीं थी. वो पल जब मैं उसके साथ एक नजर फेरती थी, बेकार हो जाता था और मुझे ठंडे पानी का झरना महसूस होता था!'


मुगल-ए-आजम के निर्देशक से हो गई थी दिलीप कुमार की बहस
दिग्गज एक्ट्रेस आगे कहती हैं- 'बाद में मुझे पता चला कि साहब और उनके बहुत करीबी दोस्त मुगल-ए-आजम के निर्देशक के. आसिफ के बीच महान सौहार्द और दोस्ती में खटास आ गई थी क्योंकि आसिफ साहब ने गुपचुप तरीके से शादी करके साहब और उनके परिवार को हैरान कर दिया था. उनकी छोटी बहन अख्तर ने बिना एक भी शब्द बोले दिलीप साहब से कहा. कम से कम ये कहने के लिए कि मैं अपनी मां के साथ अपनी सीट पर बैठी थी और अगर मैं किसी एक सीन को दिलचस्पी से या दिल से देखती तो आप मुझे खुश कर सकते थे. ये मेरे लिए एक बड़ी नाकामी थी.'


दिलीप कुमार ने कब पहली बार देखी मुगल-ए-आजम?
सायरा बानो आगे बताती हैं कि उनकी वजह से दिलीप कुमार ने कभी मुगल-ए-आजम नहीं देखी थी. हालांकि जब सायरा की दिलीप कुमार से शादी हो गई तो उन्हें पता चला कि पूना के एक संस्थान में 'मुगल-ए-आजम' को नाटक के एक चैप्टर की तरह पढ़ाया जाता है. तब सायरा ने पहली बार दिलीप कुमार को 'मुगल-ए-आजम' देखने के लिए राजी किया.


ये भी पढ़ें: ना मोनालिसा, ना आम्रपाली... इस हसीना के हुस्न पर फिदा फैंस, भोजपुरी गानों में अदाएं दिखाकर लूटे 500 मिलियन से ज्यादा व्यूज