नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को सेशंस कोर्ट ने विदेश जाने की अनुमति दे दी है. अब सलमान अपनी आने वाली फिल्मों की शूटिंग के लिए विदेश जा सकते हैं.सलमान खान ने एक याचिका दायर कर अदालत से चार देशों में जाने की अनुमति मांगी थी. सलमान 25 मई से 10 जुलाई तक कनाडा, नेपाल और अमरीका की यात्रा करेंगे. काला हिरण शिकार मामले में सलमान को पांच साल कैद की सजा सुनाई गई है. हालांकि दो दिन बाद ही उन्हें जमानत मिल गई, लेकिन यह जमानत कई शर्तों के साथ दी गई थी.
जमानत की शर्तों के अनुसार, वह देश छोड़कर नहीं जा सकते थे. सलमान खान ने इस मामले में सजा सुनाए जाने और जमानत मिलने के बीच दो रातें जेल में काटीं. बाद में कोर्ट ने उन्हें 25-25 हजार रुपये के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया था. निचली अदालत ने सलमान को सात अप्रैल को सजा सुनाई थी. साथ ही उन पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था. घटना अक्टूबर, 1998 की बताई जा रही है, जो 'हम साथ-साथ हैं' की शूटिंग के दौरान हुई थी. मामले में अदालत के समक्ष उनकी अगली पेशी सात मई को होने वाली है.
सलमान खान-प्रियंका चोपड़ा दस साल बाद एक साथ आएंगे नजर, शुरू हुई फिल्म की शूटिंग
खैर अब सलमान को विदेश जाने की भी अनुमति मिल गई है. ऐसे में उनके फैंस काफी खुश हैं. फिल्मों की बात करें तो सलमान खान इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म 'रेस 3' की शूटिंग में बिजी हैं. इसके साथ ही हाल ही में अली अब्बास जफ़र के साथ आने वाली फिल्म 'भारत' की शूटिंग भी शुरू कर दी है.
ये है पूरा मामला:
आपको बता दें कि ये मामला 1998 का है जब सलमान खान फिल्म 'हम साथ साथ हैं' की शूटिंग के लिए जोधपुर में थे. यहां उनके साथ सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली बेंद्रे और नीलम भी थीं. सलमान सहित इन चारों पर आरोप है कि उन्होंने एक अक्टूबर 1998 को जोधपुर के निकट कांकाणी गांव में दो काले हिरणों का शिकार किया था. इसे लेकर आर्म्स एक्ट सहित सलमान पर कुल चार केस दर्ज थे. तीन मामलों में सलमान खान बरी हो चुके हैं. ये चौथा मामला कांकाणी गांव का है. सलमान के अलावा बाकी इन चारों सितारों को कोर्ट ने सबूत के अभाव में बरी कर दिया है. सलमान को पांच साल जेल की सजा सुनाई गई है और साथ ही 10 हजार जुर्माना भी लगाया गया है.
दरअसल, काला हिरण एक विलुप्तप्राय जंतु है और वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम- 1972 की अनुसूची एक में शामिल है. इसकी हत्या कानूनन अपराध है. सलमान को दो काले हिरनों के शिकार के लिए वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 9/51 के तहत दोषी पाया गया है और पांच साल जेल की सजा सुनाई गई है.