Salim Javed Jodi Struggle Story: बॉलीवुड के फेमस स्क्रीनराइटर सलीम खान और जावेद अख्तर ने इंडस्ट्री में कदम अलग-अलग रखा था. उनका अपना संघर्ष था इत्तेफाक ने उन्हें एक साथ लाकर खड़ा किया और फिर उन्होंने जोड़ी बनाई. इस जोड़ी ने हिंदी सिनेमा को एक से बढ़कर एक ऐतिहासिक फिल्में दीं. फिल्मों की कहानी और डायलॉग्स लिखने के का काम सलीम-जावेद ने किया और ये फेमस हो गए.


सलीम-जावेद की जोड़ी फिल्म इंडस्ट्री की ऐसी राइटर्स की जोड़ी थी जिसने पहली बार लेखकों का मान बढ़ाया था. इनके नाम पर फिल्में चलती थीं और लोग सलीम-जावेद का नाम पढ़कर ही थिएटर्स में फिल्म देखने जाते थे. चलिए बताते हैं सलीम-जावेद की जोड़ी ने इंडस्ट्री को कौन-कौन सी फिल्में दीं और इनकी जोड़ी कैसे बनी?


कैसे बनी थी सलीम-जावेद की जोड़ी?


सलीम खान 1955 के आस-पास मुंबई आए थे. तब उन्होंने बतौर एक्टर कुछ फिल्में कीं लेकिन फ्लॉप रहे. इसके बाद उन्होंने लेखक के तौर पर काम करने की सोची लेकिन वो डायलॉग्स नहीं लिख पाते थे. वहीं जावेद अख्तर डायलॉग्स लिख लेते थे लेकिन स्क्रीन राइटर के तौर पर उन्हें लिखने में कुछ प्रोबलम थी.






'एंग्री यंग मैन' डॉक्यूसीरीज में जावेद अख्तर ने बताया था कि वो एक दिन मरीन ड्राइव में पहुंचकर सोच रहे थे कि आगे इंडस्ट्री में टिकने के लिए क्या करें. उसी समय वहां सलीम खान भी बैठे थे तो उन्होंने एक कहानी डिस्कस की. उस कहानी को दोों ने 5 हजार में बेच दी और उस फिल्म का नाम 'दो भाई' था जो हिट रही. इसके बाद उन्होंने मिलकर काम शुरू किया और इंडस्ट्री के सबसे पॉपुलर राइटर बने.


सलीम-जावेद की फिल्में


जावेद अख्तर और सलीम खान की जोड़ी सलीम-जावेद के नाम से फेमस हुई. इन्होंने 'अंदाज', 'अधिकार', 'हाथी मेरे साथी', 'सीता और गीता', 'जंजीर', 'मजबूर', 'हाथ की सफाई', 'शोले', 'डॉन', 'त्रिशूल', 'दीवार', 'आखिरी दाव जैसी सुपरहिट फिल्में लिखीं. सलीम जावेद की ज्यादातर फिल्में बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा जाती थीं और इनकी जोड़ी उस दौर की हाईपेड राइटर की जोड़ी हुआ करती थी.


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