बॉलीवुड से एक्टर सलमान खान कल जिला न्यायालय में पेश होने के लिए जोधपुर पहुंच सकते हैं. सलमान खान को कल काला हिरण शिकार मामले को लेकर कोर्ट के समक्ष पेश होना है. पिछली सुनवाई के दौरान सलमान खान के अधिवक्ता को मजिस्टेड ने फटकार लगाई थी और हाजिरी माफी को अदालत ने स्वीकार करने से मना कर दिया था.
सलमान खान के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि किसी कारण वश सलमान खान अदालत में पेश नहीं हो सके हैं. इसके बाद कोर्ट ने हाजरी माफी स्वीकार करते हुए उन्हें 27 सितंबर को पेश होने के लिए कहा था. कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि 27 सितम्बर 2019 को सलमान खान को अदालत में पेश होना होगा नहीं तो कोर्ट उनकी जमानत रद्द कर देगा.
सलमान खान की अदालत से जमानत रद्द होती है तो एक बार फिर सलमान खान के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट निकल सकता है. सलमान को अदालत में पेश होकर जमानत मुचलके भरने होंगे और हो सकता है कि सलमान खान को जेल भी जाना पड़े.
मिली थी जान से मारने की धमकी
कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर सोपू गैंग के गुर्गे ने सलमान खान को जान से मारने की धमकी दी थी. सोपू गैंग की धमकी भरी पोस्ट फेसबुक पर अपडेट सोपू गैंग के गुर्गे गैरी शूटर ने की थी. सोपू गैंग के सरगना लॉरेंस बिश्नोई ने डेढ़ साल पहले जोधपुर की अदालत में सलमान खान को जान से मारने की धमकी दी थी.
उसने कहा था कि हम सलमान को मारेंगे और जोधपुर में ही मारेंगे. उसके बाद पुलिस हरकत में आई और सलमान की पेशी के दौरान त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की थी. सोपू गैंग पंजाब हरियाणा राजस्थान और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में फैली हुई है. इस गैंग के अधिकतर सदस्य विश्नोई समाज से जुड़े हुए हैं. बता दें कि विश्नोई समाज में हिरण को देव स्वरूप मानते हैं.
दो मामलों पर होगी सुनवाई
जिला व सेशन ग्रामीण न्यायालय जोधपुर में सलमान खान के दो मामले चल रहे हैं. पहला मामला दो काले हिरणों के शिकार यानी कांकाणी काला हिरण शिकार मामले से जुड़ा हुआ है. इस मामले में सीजेएम ग्रामीण कोर्ट के तत्कालीन जज देवकुमार खत्री की कोर्ट ने 05 अप्रैल 2018 को सलमान खान को 5 साल की सजा सुनाई थी. इस सजा के विरोध में सलमान खान के अधिवक्ता ने अपील पेश कर सजा को निलंबन की मांग की. इस मामले में सुनवाई जारी है.
दूसरा मामला अवैध हथियार मामले में सलमान खान को वर्ष 2016 में सीजेएम ग्रामीण कोर्ट ने सन्देह का लाभ देते हुए बरी किया था. बरी किए जाने के विरोध में सरकार की ओर से इस फैसले के खिलाफ अपील अदालत में पेश की गई. इस अपील पर भी सुनवाई जारी है. कल इन दोनों मामले में सुनवाई विचाराधीन है.