मुंबई: फिल्मी दुनिया में ऐसे सितारे बेहद कम रहे हैं, जिनकी खुद की ज़िंदगी फिल्मी रही हो. बॉलीवुड के मुन्ना भाई यानी संजय दत्त हिंदी सिनेमा के उन चंद कलाकारों में से एक हैं, जिनकी ज़िंदगी का हर पन्ना लोगों में दिलचस्पी पैदा करता है. संजय दत्त की ज़िंदगी मुश्किल भरी रही. उनकी नादानियों से दत्त परिवार को भी कई बार मुश्किलात का सामना करना पड़ा. लेकिन जैसे जैसे ज़िंदगी गुज़रती गई वैसे वैसे संजय दत्त अपनी गलतियों से सीखते चले गए.


संजय दत्त की ज़िंदगी के सबसे बुरे दौर में से एक दौर वो रहा है जब वो नशे की गिरफ्त में थे. बोर्डिंग स्कूल से वापस आने के बाद जब संजय कॉलेज पहुंचे तो उन्होंने ड्रग्स लेना शुरू कर दिया. संजय ने सिमी गरेवाल के शो ‘रॉन्देंवू विद सिमी गरेवाल’ में अपनी ड्रग्स की लत पर खुलकर बात की थी.


संजय दत्त ने सिमी गरेवाल के शो में कहा था, उनकी ज़िंदगी में ऐसा एक भी दौर नहीं रहा जब वह परेशानियों से न घिरे रहे हों


संजय ने बताया, “जब मैं कॉलेज पहुंचा तो किसी ने मुझसे ट्राइ करने को कहा और मैंने कर लिया.” संजय के मुताबिक जब वह नशे में रहते थे तो वह अपनी ही दुनिया में रहते थे. घर में भी ड्रग्स लिया करते थे, जिसमे कोकीन, हिरोइन और मैरुआना शामिल थी. धीरे धीरे संजय के घरवालों को घर में ड्रग्स मिलने लगे थे. तब उन्हें इन सब बातों का पता चला था.

बेटे की नशे की लत से नफरत नहीं करते थे सुनील दत्त


इंटरव्यू में संजय दत्त ने बताया था कि उनके पिता सब कुछ जानने के बाद भी उनकी इस लत से नफरत नहीं करते थे. संजय ने ये भी बताया कि उनके पिता ने ड्रग्स के नशे की बात किसी से भी नहीं छुपाई. यहां तक की फिल्म प्रोड्यूर्स को भी बता दिया करते थे कि मेरा बेटा ड्रग्स लेता है, तो तुम सोच समझकर फैसला करना ताकि बाद में मुझपर इल्ज़ाम न लगा सको.


किताबों में जितने नशे थे वो सब किए



संजय दत्त ने इस बात से भी पर्दा उठाया था कि वो किस तरह से नशा किया करते थे. उन्होंने कहा कि वो इंजेक्शन, सिगरेट, सूंघकर हर तरह से ड्रग्स का इस्तेमाल किया करते थे. उन्होंने कहा कि नशे की किताब में जितने नशे लिखे थे उन सब को किया.


इस एक लम्हें ने संजय को एहसास कराया कि अब वह मर रहे हैं


संजय उन दिनों नशे की दुनिया में ही रहा करते थे. ड्रग्स छोड़ने की शुरुआत कहां से हुई इस बात का ज़िक्र करते हुए संजय ने कहा, “मैंने नशा किया था. फिर मैं सोकर उठा और अपने नौकर से कुछ खाने का मांगा. इस बात पर वो रोने लगा. जब मैंने पूछा कि रो क्यों रहे हो तब उसने बताया कि मैं दो दिनों से सो रहा था. इस दौरान मेरे घर वाले बहुत परेशान थे.” इस वाकये के बाद ही संजय को लगा कि वो अब मर जाएंगे. खुद को इस मुश्किल से बाहर निकालने के लिए उन्होंने अपने पिता से कहा कि वह मरना नहीं चाहते.


बस इसी के बाद सुनील दत्त ने पहले उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया. 21 दिन तक वहां रहने के बाद संजय को अमेरिका के रीहैब सेंटर ले जाया गया. जहां उनका इलाज हुआ.


संजय दत्त की ज़िंदगी में इतने उतार चढ़ाव आए कि शायद उनकी जगह कोई और होता तो थक कर वहीं टूटकर गिर जाता. अब किस्मत कहें या फिर उनकी मेहनत लेकिन आज वो इन सभी मुश्किलों से पार पाकर एक खुशगवार ज़िंदगी बिता रहे हैं. संजय और मान्यता दत्त के दो बच्चे हैं और वो अपनी ज़िंदगी में बेहद खुश हैं.


29 जून को रिलीज़ होगी संजय की बायोपिक


संजय दत्त की ज़िंदगी पर बन रही फिल्म ‘संजू’ में उनके ड्रग्स के दौर का भी जिक्र है. फिल्म में अभिनेता रणबीर कपूर ने उनकी भूमिका निभाई है. फिल्म में संजय की ज़िंदगी से जुड़े लगभग सभी किरदारों को शामिल किया गया है. संजय के पिता सुनील दत्त का रोल परेश रावल, मां नरगिस दत्त का रोल मनीषा कोइराला, पत्नी का मान्यता का रोल दीया मिर्ज़ा ने निभाया है. फिल्म में दोस्त की भूमिका में विकी कौशल और पत्रकार का किरदार अनुष्का शर्मा ने निभाया है. इस फिल्म में सोनम कपूर भी हैं जिन्हें संजू की प्रेमिका के तौर पर दिखाया गया है.


राजकुमार हीरानी ने इस फिल्म को लिखा और निर्देशन भी उन्हीं का है. फिल्म 29 जून को सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी.