Sanjay Dutt Struggle Story: हिंदी सिनेमा में हर किसी की अपनी कहानी है और अपना संघर्ष है. किसी को फिल्में पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है तो किसी को दूसरी वजहों संघर्ष करना पड़ता है. ऐसा ही एक एक्टर था जिसे फिल्में तो आसानी से मिलीं क्योंकि उनके पिता एक एक्टर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर थे लेकिन उनकी अपनी कुछ नादानियों की वजह से उन्होंने सबकुछ बर्बाद कर दिया था. फिर कई सालों बाद वो संभले और आज सफल करियर के साथ इंडस्ट्री में टिके हैं.
जी हां, हम बात संजय दत्त की कर रहे हैं जो अपने स्टार पैरेंट्स के इकलौते बेटे थे और उनकी हर इच्छा को पूरा किया गया. संजय दत्त ने खुद एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके बोलने से पहले उनकी सारी इच्छाएं पूरी हो जाती थीं इसलिए वो किसी चीज की कद्र नहीं कर पाए. संजय दत्त से जुड़ी वो बातें जो शायद ही आप जानते हों, चलिए बताते हैं.
संजय दत्त का शुरुआती फिल्मी करियर
नरगिस और सुनील दत्त की पहली संतान संजय दत्त हैं. नरगिस और सुनील दत्त ने संजू की बहुत ही लाड-प्यार से परवरिश की. बचपन में संजय की कुछ शैतानियों के कारण उनके पिता ने उन्हें बोर्डिंग स्कूल भेज दिया था. लौटकर आए तो पिता ने फिल्म रॉकी के लिए उन्हें चुन लिया और फिल्म बनाने लगे.
उसी दौरान संजय दत्त की दोस्ती कुछ गलत लोगों से हुई और वो गलत संगत में पड़े. संजय दत्त अपनी मां नरगिस के बहुत करीब रहे लेकिन फिल्म रॉकी की रिलीज से पहले उनकी डेथ हुई जिससे संजय और अकेले पड़ गए. फिल्म को सुपरहिट हुई लेकिन उनकी कुछ गलतियों के कारण उन्हें कुछ फिल्में मिली सफल हुईं लेकिन ज्यादातर फ्लॉप रहीं.
मुंबई बम ब्लास्ट में संजय दत्त की गिरफ्तारी
साल 1993 में मुंबई बम ब्लास्ट में संजय दत्त का नाम भी आया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, संजय दत्त के घर से कुछ ऐसे हथियार बरामद हुए थे जो प्रतिबंधित हैं. मामला लंबा खिंच गया और संजू को काफी समय जेल में बिताना पड़ा. उस दौरान फिल्मों के ऑफर आने बंद हो गए और कुछ समय बाद संजू को पूरी इंडस्ट्री ने बैन कर दिया था. दरअसल, उस मामले में संजू पर कोर्ट ने टाडा एक्ट लगा दिया था और फिल्म इंडस्ट्री ने उन्हें बैन किया था.
हालांकि, बाद में वो एक्ट हटा लेकिन फिर भी वो जेल में रहे. संजू जब बाहर आए तो उनके पास काम नहीं था लेकिन उस समय विधु विनोद चोपड़ा ने रिस्क लेकर फिल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस (2003) दी और फिल्म रिलीज हुई. अखबारों और न्यूज चैनल्स के कारण लोग संजय दत्त से नफरत सी करने लगे थे लेकिन 'मुन्नाभाई एमबीबीएस' ने संजू की किस्मत बदल दी और लोग मुन्नाभाई के दीवाने हो गए.
संजू ने जीती कैंसर से लड़ाई
साल 2007 में संजय दत्त को ताडा एक्ट से मुक्त किया गया लेकिन उनको तीन साल की सजा हुई. साल 2013 से 2016 तक उन्होंने जेल में वक्त बिताया. साल 2019 में संजय को कैंसर पता चला कि उन्हें 4th लेवल का कैंसर हुआ लेकिन उसका इलाज हुआ और वो सही हो गए.
लेकिन उस दौरान संजू काफी परेशान रहते थे क्योंकि उनके बच्चे छोटे थे और उन्हें कई जिम्मेदारियां निभानी थी जो जेल में रहने के दौरान वो पूरी नहीं कर पाए. संजू ने अपनी पिछली लाइफ को याद करते हुए बहुत पछतावा भी महसूस किया था.
संजय दत्त की जबरदस्त वापसी
कैंसर के इलाज के दौरान संजय दत्त ने फिल्म केजीएफ चैप्टर 2 साइन की. इसमें उन्होंने विलेन का रोल प्ले किया था और वो काफी जबरदस्त रहा. साल 2022 में फिल्म आई जो ब्लॉकबस्टर रही. इसके बाद साल 2023 में संजय दत्त फिल्म जवान में कैमियो करते नजर आए जिसके खूब चर्चे रहे. उसी साल संजू ने साउथ सुपरस्टार विजय के साथ फिल्म लियो की जो सुपरहिट रही. अब संजय दत्त के पास कई फिल्में हैं और काफी संघर्ष के बाद वो अच्छी लाइफ जी रहे हैं.