बढ़ेंगी संजय दत्त की मुश्किलें? जेल से छूटने को लेकर HC पहुंचा राजीव गांधी हत्याकांड का अपराधी
पेरारिवलन की याचिका के अनुसार उसने मार्च 2016 में यरवदा जेल को आरटीआई आवेदन देकर यह जानना चाहा कि संजय दत्त की समयपूर्व रिहाई से पहले केंद्र और राज्य सरकार की राय ली गयी थी या नहीं.
राजीव गांधी हत्याकांड के एक अभियुक्त ने बंबई सिलसिलेवार बम विस्फोट कांड में दोषी ठहराये गये अभिनेता संजय दत्त की समयपूर्व रिहाई का ब्योरा मांगते हुए बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है.
ए जी पेरारिवलन को नौ वोल्ट की दो बैटरियां उपलब्ध कराने के कारण 19 साल की उम्र में उम्रकैद की सजा सुनायी गयी थी. इन बैटरियों का इस्तेमाल उस बम में किया था जिसके फटने से प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मृत्यु हो गयी थी.
पेरारिवलन फिलहाल चेन्नई की पुझल केंद्रीय जेल में है. पिछले 29 सालों से सलाखों के पीछे रह रहे इस व्यक्ति ने पिछले सप्ताह वकील नीलेश उके के मार्फत बंबई उच्च न्यायालय में अर्जी दी क्योंकि वह सूचना के अधिकार के तहत अपने सवालों का महाराष्ट्र जेल विभाग से जवाब हासिल करने में असफल रहा था.
समय से पहले रिहा हुए थे संजय दत्त
संजय दत्त को 2006-2007 में विशेष अदालत ने हथियार कानून के तहत दोषी ठहराया था और उन्हें छह साल की कैद की सजा सुनायी थी. बाद में उच्चतम न्यायालय ने इस फैसले पर मुहर लगायी थी लेकिन कारावास की अवधि घटाकर पांच साल कर दी थी.
मई 2013 में संजय दत्त ने यरवदा जेल में अपनी सजा पूरी करने के लिए आत्मसमर्पण किया था. सजा के दौरान उन्हें कई मौको पर छुट्टी और पेरौल दिया गया तथा 25 फरवरी, 2016 को उन्हें 256 दिन पहले रिहा कर दिया गया था.
याचिकाकर्ता पूछे ये सवाल
पेरारिवलन की याचिका के अनुसार उसने मार्च 2016 में यरवदा जेल को आरटीआई आवेदन देकर यह जानना चाहा कि संजय दत्त की समयपूर्व रिहाई से पहले केंद्र और राज्य सरकार की राय ली गयी थी या नहीं. जवाब नहीं मिलने पर वह अपीलीय प्राधिकरण के पास पहुंचा जिसने यह कहते हुए उसे सूचना देने से इनकार कर दिया कि इसका संबंध तीसरे व्यक्ति से है. फिर वह राज्य सूचना आयोग पहुंचा जिसने ‘अपर्याप्त और अस्पष्ट’ आदेश जारी किया. तब वह उच्च न्यायालय की शरण में आया है. अगले सप्ताह पेरारिवलन की अर्जी पर सुनवाई होने की संभावना है.