Satyameva Jayate Movie Review: दमदार एक्शन और 56 इंच के सीने के साथ एक पावरपैक फिल्म है 'सत्यमेव जयते'
Satyameva Jayate Movie Review: जॉन अब्राहम की फिल्म आज रिलीज हो गई है. अगर आप भी फिल्म देखने का मन बना रहे हैं तो इससे पहले फिल्म का रिव्यू पढ़ें यहां
स्टारकास्ट: जॉन अब्राहम, मनोज वाजपेयी, आयशा शर्मा
डायरेक्टर: मिलाप मिलन जावेरी
रेटिंग: *** (तीन स्टार)
जॉन अब्राहम अब रोमाटिंक छवि से बाहर निकलकर अक्षय कुमार की राह पर चल पड़े हैं. उन्हीं की तरह वो भी इन दिनों अपनी फिल्मों के माध्यम से सिर्फ लोगों का एंटरटेनमेंट नहीं करना चाहते. वो अब अपनी फिल्मों के जरिए कोई ऐसी कहानी कहना चाहते हैं जो दर्शकों पर एक छाप छोड़े और उसमें उनके लिए एक संदेश भी हो.
ऐसी ही फिल्म है जॉन की 'सत्यमेव जयते'. फिल्म की कहानी देश को दीमक की तरह खाते जा रहे करप्शन जैसे गंभीर मुद्दे पर आधारित है. फिल्म में सोसाइटी के लिए एक मैसेज तो है साथ ही इसमें एंटरटेनमेंट का भी पूरा तड़का लगाया गया है. फिल्म में एक्शन के साथ-साथ दमदार डायलॉगबाजी भी की गई है.
इससे पहले जॉन की परमाणु बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हुई थी जिसे दर्शकों का जबरदस्त प्यार मिला था. अब जॉन अपने फैंस के लिए एक और शानदार फिल्म लेकर आए हैं.
कहानी
फिल्म की कहानी एक ऐसे शख्स की है जो करप्शन से सख्त नफरत करता है. वीर (जॉन अब्राहम) जो कि एक आर्टिस्ट है लेकिन वो एक सीरियल किलर भी है. वो एक-एक कर करप्ट पुलिस अधिकारियों को जलाकर मार देता है. उसका मानना है कि जो भी पुलिस अधिकारी वर्दी पहनकर रिश्वत लेता है उसे इस वर्दी को पहनने के साथ- साथ जीने का भी अधिकार नहीं है. वहीं, जहां वीर एक शातिर किलर है तो वहीं डीसीपी शिवांश (मनोज वाजपेयी) एक हद से ज्यादा ईमानदार और समझदार पुलिस अफसर है. इस केस को सुलझाने का जिम्मा शिवांश को दिया जाता है.
जब शिवांश को ये केस दिया जाता है तो वो इस साइको किलर की आधी स्ट्रेटेजी को तो समझ जाता है लेकिन ये नहीं समझ पाता कि आखिर वो ऐसा कर क्यों रहा है. इसी दौरान शिवांश ये तो समझ जाता है कि वीर का अगला शिकार कौन होगा, लेकिन वो लाख कोशिशों के बावजूद अपने पुलिस अफसरों को बचा नहीं पाता.
शिवांश क्रिमिनल को पकड़ने के लिए जो भी जाल बिछाता है वीर उसे पहले ही समझ जाता है. दोनों की ये आंख मिचोली देखने लायक है. फिल्म की कहानी क्रिमिनल और पुलिस के बीच इसी आंख मिचोली के ईद-गिर्द घूमती है. इसी दौरान फिल्म में आयशा की एंट्री होती है जो जॉन के प्यार में पड़ जाती है. वीर भी उससे प्यार करने लगता है लेकिन अभी आयशा नहीं जानती कि वीर एक सीरियल किलर है. आयशा को पता चलेगा या नहीं और अगर उसे पता चलता है तो क्या वो उसके साथ रहेगी? इसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी. लेकिन फिल्म में एक ऐसा ट्विस्ट डाला गया है जो फिल्म को बेहद दिलचस्प बना देता है. ये कहना गलत नहीं होगा कि इस चोर-पुलिस की आम सी कहानी को वो ट्विस्ट ही खास बनाता है.
निर्देशन
फिल्म का निर्देशन मिलाप ने किया है. फिल्म को एक फुल मसाला फिल्म बनाने के लिए इसमें छोटे-छोटे कई ट्विस्ट्स डाले गए हैं. साथ में फिल्म में संदेश देने का एक अजीब सा बोझ नजर आता है. फिल्म की कहानी कुछ जगह एक दम फ्लैट नजर आते हैं. हालांकि फिल्म आपको अंत तक बांधे रखने में कामयाब रहती है. इस फिल्म का निर्देशन कुछ-कुछ साउथ इंडियन स्टाइल में किया गया है. जिसमें आपको जबरदस्त एक्शन, डीप इमोशन और इस सब के बीच में कॉमेडी का तड़का. ये तीनों ही एलीमेंट मिल जाएंगे. एक्शन और खासतौर पर जॉन के एक्शन के फैन्स को ये फिल्म जरूर पसंद आएगी.
म्यूजिक
फिल्म में ज्यादा गाने नहीं रखे गए हैं. लेकिन जो भी रखे गए हैं वो दर्शकों की जुबान पर हैं और जबरदस्त हिट हैं. फिल्म दो गानों को रिएक्रिएट किया है और दोनों ही सुपरहिट हैं. फिल्म में एक डांस नंबर रखा गया है जिसमें नोरा फतेही अपने डांस का जलवा बिखेरती नजर आ रही हैं. नोरा का 'दिलबर दिलबर' गाना इतना हिट हुआ कि वो इंटरनेशनल प्ले लिस्ट में आने वाला पहला गाना बन गया. साथ ही 'ताज दार-ए-हरम' को भी इसमें रखा गया है जिसे फैंस खूब पसंद कर रहे हैं. इसके अलावा दो रोमांटिक नंबर रखे गए हैं 'पानियों सा' और 'तेरे जैसा' ये दोनों गाने भी पसंद किए जा रहे हैं.
एक्टिंग
फिल्म में जॉन और मनोज वाजपेयी जैसे दो बेहतरीन एक्टर्स काम करते नजर आ रहे हैं . दोनों ने ही अपने किरदारों के साथ पूरा न्याय किया है. इसके अलावा सपोर्टिंग एक्टर्स ने भी अच्छा काम किया है. फिल्म की लीड एक्ट्रेस आयशा इस फिल्म से डेब्यू कर रही हैं. पहली फिल्म के नजरिए से देखा जाए तो उन्होंने भी ठीक-ठीक काम किया है. हालांकि फिल्म में उन्हें ज्यादा कुछ करने को दिया नहीं गया है.
क्यों देखें
- फिल्म में जबरदस्त डायलॉगबाजी रखी गई है. छप्पन इंच का सीना हो या नोटबंदी देश के सभी करंट मसलों को फिल्म में जगह मिली है.
- वैसे तो जॉन पहले भी कई फिल्मों में अपने एक्शन का जलवा दिखा चुके हैं लेकिन इस फिल्म उन्होंने कुछ अलग तरह के एक्शन को करने की कोशिश की है. इसमें वो स्टंट्स कम और सनी देओल जैसा बॉडी से एक्शन ज्यादा करते नजर आएंगे.
- फिल्म में एक स्ट्रांग मैसेज के साथ एक अच्छी कहानी को भी दिखाया दया है.
क्यों न देखें
- फिल्म के वीक प्वाइंट्स की बात करें तो इन दिनों जो ज्यादतर फिल्मों देखने मिलता है. फिल्म को थोड़ा जरूरत से ज्यादा खींच दिया गया है. ऐसा नहीं है कि फिल्म बहुत लंबी है लेकिन कुछ चीजें हैं जो बोझिल लगती हैं.
- फिल्म में अगर आप किसी आउट ऑफ द वर्ल्ड कहानी की तलाश में हैं तो ऐसा कुछ नहीं मिलेगा आपको. फिल्म की कहानी कॉमन है लेकिन उसका अलग तरह से किया गया फिल्माकंन देखा जा सकता है.