PM नरेंद्र मोदी की बायोपिक पर रोक लगाने से SC का इंकार, दी ये बड़ी वजह
PM Narendra Modi Biopic: पीएम नरेंद्र मोदी की बायोपिक को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने ये कहते हुए कोई फैसला नहीं दिया कि अभी तक फिल्म को सेंसर बोर्ड से प्रमाण पत्र नहीं मिला है.
PM Narendra Modi Biopic: सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बनी बायोपिक के प्रदर्शन पर रोक के लिये कांग्रेस नेता की याचिका पर सोमवार को कोई आदेश नहीं दिया. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर कोई आदेश देने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि इस फिल्म को अभी सेन्सर बोर्ड से प्रमाण पत्र मिलना बाकी है.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि इस मामले में मंगलवार को सुनवाई की जायेगी और वह कोई न कोई आदेश भी पारित कर सकता है यदि याचिकाकर्ता यह रिकार्ड पर लायें कि फिल्म में ऐसा क्या है जो बहुत ही आपत्तिजनक है.
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पीठ ने कांग्रेस कार्यकर्ता अमन पंवार का यह अनुरोध ठुकरा दिया कि फिल्म की एक कॉपी उन्हें उपलब्ध करायी जाये. याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने जब फिल्म की कॉपी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया तो पीठ ने कहा, ‘‘हम किसी व्यक्ति को फिल्म की कॉपी देने का निर्देश क्यों दे? हम समझ नहीं पा रहे हैं कि ऐसा निर्देश हम क्यों दें?’’
Supreme Court asks petitioner Aman Panwar seeking stay on release of film 'PM Narendra Modi', to place on record what is depicted in movie and what he is objecting to .SC says order on whether film violates Model Code cannot be determined without seeing it,next hearing tomorrow pic.twitter.com/o3HEgcJwdS
— ANI (@ANI) April 8, 2019
सेंसर बोर्ड का है ये पक्ष
मामले की सुनवाई शुरू होते ही प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि इस फिल्म को अभी सेन्सर बोर्ड का प्रमाण पत्र भी नहीं मिला है. उन्होंने इस संबंध में चार अप्रैल को सेन्सर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी द्वारा पीटीआई को दिये गये एक बयान का जिक्र किया.
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जोशी ने पीटीआई से कहा था कि फिल्म इस समय जांच और प्रमाणन की प्रक्रिया में है. उन्होंने कहा था कि चूंकि फिल्म के प्रमाण से जुड़े अनेक सवाल हैं और वह एक साफ तस्वीर पेश करना चाहते हैं. फिल्म निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार ही जांच और प्रमाणन प्रक्रिया के दौर में है और इसे अभी प्रमाणित किया जाना है.
A big thank you to Delhi, thank you for all the love you showered and thank you to every one who came and showed their support! Vande Mataram is still echoing in my heart! 🇮🇳 Lots of love to you all. Thursday 11th April. #PMNarendraModi @GYAN_Network pic.twitter.com/vYuvdjidcM
— Vivek Anand Oberoi (@vivekoberoi) April 7, 2019
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी ने कहा कि फिल्म निर्माता संदीप सिंह ने बयान दिया था कि 11 अप्रैल को फिल्म प्रदर्शित की जाएगी. इस पर पीठ ने कहा कि हो सकता है कि सेन्सर बोर्ड से प्रमाण पत्र मिल जाने की उम्मीद में निर्माता ने इस बायोपिक को 11 अप्रैल को प्रदर्शित करने के बारे में बयान दिया हो.
पीठ ने कहा कि इस समय फिल्म के प्रदर्शन को चुनौती देने की कोई वजह नजर नहीं आती है. सिंघवी ने जब बायोपिक पर रोक लगाने का फिर अनुरोध किया तो पीठ ने कहा, ‘‘हम फिल्म का प्रदर्शन कैसे रोक सकते हैं. इसे अभी प्रमाण पत्र भी नहीं मिला है. फिल्म के प्रदर्शन के बारे में इसके निर्माता का सिर्फ बयान ही आया है.’’
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कांग्रेस का है ये पक्ष
हालांकि सिंघवी ने कहा कि इस फिल्म के प्रदर्शन की अनुमति देना संविधान के ढाचे पर सीधा हमला होगा. पीठ ने कहा कि वह याचिकाकर्ता द्वारा पेश समस्या का फैसला नहीं कर सकती क्योंकि उसे नहीं मालूम की फिल्म में क्या है.
सिंघवी ने कहा कि न्यायाधीश खुद पहले फिल्म देख सकते हैं और फिर मामले का फैसला कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि अभिनेता विवेक ओबोराय को भाजपा ने लोकसभा चुनाव में स्टार प्रचारक नामित किया है. विवेक ओबेराय के पिता भी एक अभिनेता हैं और भाजपा के सदस्य हैं.
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उन्होंने पीठ से कहा, ‘‘आप को फिल्म दिखाने का आदेश देने का अधिकार है. इस फिल्म का दूरगामी प्रभाव होगा क्योंकि इसे देश भर में करीब 40 दिन तक प्रदर्शित किया जायेगा.'
‘‘पीएम नरेन्द्र मोदी’’ शीर्षक वाली बायोपिक पांच अप्रैल को प्रदर्शित होनी थी परंतु इसे अगली नोटिस तक के लिये टाल दिया गया है. इससे पहले, बंबई उच्च न्यायालय और मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इन्दौर पीठ फिल्म के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने और इसका प्रदर्शन स्थगित करने के अनुरोध ठुकरा चुकी है.