Shabana Azmi On Not Having Her Kids: शबाना आजमी हिंदी सिनेमा की बेस्ट दिग्गज अभिनेत्रियों में से एक हैं.  उन्हें उनके शानदार अभिनय के लिए आज भी याद किया जाता है. शबाना की दमदार एक्टिंग का जलवा अब भी जारी है. दिग्गज अदाकारा हाल ही में  'घूमर' और 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' जैसी फिल्मों में नजर आईं थीं. शबाना जावेद अख्तर (जो पहली पत्नी हनी ईरानी के बाद उनकी दूसरी शादी थी) के साथ अपनी जिंदगी और शादी को लेकर भी हमेशा बहुत ईमानदार रही हैं.


कपल ने 1984 में शादी की थी और वे अक्सर एक ऐसे जोड़े के रूप में जाने जाते हैं आपसी सम्मान और स्नेह का परफेक्ट मैच हैं. शबाना का जावेद के पहली शादी से हुए बच्चों - फरहान अख्तर और जोया अख्तर  के साथ भी करीबी रिश्ता है. वहीं कई पुराने इंटरव्यू में शबाना ने अपने खुद के बच्चे न होने पर खुलकर बात की थी.


बच्चे ना होने की वजह से काम को ज्यादा टाइम देने का मौका मिला
2000 में सिमी ग्रेवाल के साथ बातचीत में शबाना ने बताया कि कैसे बच्चे न होने से शादी और काम पर उनका नजरिया प्रभावित हुआ. उन्होंने स्वीकार किया कि शुरुआत में उन्हें मां न बन पाने के कारण निराशा महसूस होने की उम्मीद थी, लेकिन वह इस फैक्ट से "हैरान" थीं कि उन्होंने रियलिटी को "आसानी से एक्सेप्ट" कर लिया. शबाना ने कहा कि बच्चे ना होने के कारण उन्हें अपने काम और पर्सनल इंटरेस्ट के लिए ज्यादा टाइम देने का मौका मिला, क्योंकि मदरहुड बहुत डिमांडिंग होता है.


उन्होंने आगे इंटरव्यू के दौरान कहा था, "एक बार जब मुझे एहसास हुआ कि मेरे बच्चे नहीं हो सकते, तो मैंने इसे लंबे समय तक नहीं रहने दिया और खुद को दुखी नहीं होने दिया. मैंने बस अपना बैग पैक किया और वहां से आगे बढ़ गई और कई अन्य चीजों के लिए बहुत आभारी हूं जो मैं कर सकती थी."


 






शबाना आजमी बच्चा क्यों गोद नहीं लेना चाहती थीं? 
शबाना ने यह भी कहा कि वह कोई बच्चा गोद नहीं लेना चाहतीं. हालांकि, फरहान और जोया अख्तर के साथ उनका करीबी रिश्ता है जिसने युवा पीढ़ी के साथ जुड़ाव की उनकी जरूरत को पूरा किया. इन सालों, उन्होंने जावेद की पहली पत्नी और उनके बच्चों के साथ अच्छा रिश्ता बनाए रखा है.


वर्कफ्रंट की बात करें तो शबाना आजमी जल्द ही जीनत अमान और अभय देओल के साथ 'बन टिक्की' नाम की फिल्म में दिखाई देंगी.


ये भी पढ़ें:-Bad Newz Box Office Collection Day 6: ‘बैड न्यूज’ की बॉक्स ऑफिस पर पकड़ मजबूत, आधा बजट वसूलने से रह गई बस इतनी दूर