मुंबई: बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान का मानना है कि पहले उनका परिवार ‘पैपराजी’ कल्चर से असहज महसूस करता था, लेकिन अब वे इसे अपनी जिंदगियों का हिस्सा मानते हैं. शाहरुख ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा, "(तस्वीरें खींचा जाना) स्टारडम का हिस्सा है, जिसे हम सब स्वीकार कर चुके हैं..."

कुछ दिनों पहले एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें, शाहरुख खान की 17 साल की बेटी सुहाना एक थियेटर के बेसमेंट में एक लिफ्ट का दरवाजा खुलने का इंतजार करते समय फोटोग्राफर्स से बचने की कोशिश में बेहद असहाय और असहज महसूस कर रही थीं.



शाहरुख ने कहा, "मुझे लगता है कि बच्चे इस तड़क-भड़क की स्थिति में बेहद अजीब महसूस करते हैं. मैं जब भी किसी सार्वजनिक जगह पर जाता हूं, तो मैं उन्हें अपने साथ नहीं ले जाता. मेरी पत्नी, मेरे बच्चे मेरे साथ नहीं आते. मैं समारोहों में अकेले जाता हूं."


शाहरुख ने कहा कि ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए उन्हें कुछ कदम उठाने पड़े. उन्होंने कहा, "कुछ उपाय करने पड़ते हैं. ऐसे ही एक कदम के तौर पर मैंने उन्हें पढ़ने के लिए विदेश भेज दिया, ताकि वे वहां सहज महसूस कर सकें."



उन्होंने कहा, "मैं समझता हूं कि तस्वीरें ली जाएंगी. मैंने अपने बच्चों को समझा दिया है कि जब भी फोटोग्राफर्स आएं, खड़े हो जाओ, तस्वीरें खिंचवाओं और कहो, 'क्या अब मैं जा सकता/सकती हूं. और वे आपकी बात समझेंगे. मैं उन्हें (फोटोग्राफर्स को) 25 सालों से जानता हूं."