शाहरुख की जुबानी, आमिर से ताजा मुलाकातों की कहानी
मुंबई: शाहरुख खान ने आज मुम्बई के विले पार्ले स्थित मशहूर नानावटी अस्पताल में बोन मैरो ट्रांसप्लांट वार्ड का उद्घाटन किया और फिर मीडिया से मुखातिब होते हुए अस्पताल से अपने लम्बे जुड़ाव के बारे में भी बात की. शाहरुख ने कहा कि अक्सर ना सिर्फ वो खुद यहां पर इलाज के लिए आते रहे हैं, बल्कि उनकी मां, बहन, बीवी का भी कई बार इलाज इसी अस्पताल में हुआ है. उन्होंने यह भी कहा कि कम ही लोगों को पता होगा कि जब उनके तीसरे बेटे अबराम का जन्म हुआ था, तो वो काफी बीमार थे, मगर अबराम की शक्ल देखने से पहले ही उसे इसी अस्पताल के पेडियाट्रिक वार्ड में इलाज के लिए भर्ती कराना पड़ा था. उन्होंने ये भी बताया कि उनकी मां के नाम का एक (कैंसर) वार्ड भी इसी अस्पताल में है. शाहरुख ने कहा कि उन जैसे सेलेब्रेटी जब इस तरह के मुद्दों से जुड़ते हैं, तो कुछ और अधिक लोगों को ऐसी गंभीर बीमारियों के बारे में पता चलता है, इसपर लोग बातें करते हैं और इस तरह से लोगों में थोड़ी बहुत और जागरुकता बढ़ती है, जो कि जरूरी भी है. शाहरुख ने कहा कि सिनेमा में इस तरह की बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों को तो नायक और नायिका बनाए जाने की संभावनाएं तो कम ही होती हैं, मगर आजकल के युवा फिल्मकार काफी अवेयर होते है़, जिनके बनाए जानेवाले सिनेमा के जरिए जागरुकता फैलने की संभावना अधिक होती है. शाहरुख ने ये भी कहा कि हम लोग खुद के हेल्थ को लेकर भी अधिक जागरुक नहीं होते हैं और चेकअप वगैरह पर ध्यान नहीं देते हैं, जो बाद में स्वास्थय के लिए हानिकारक साबित होता है. आमिर खान से जन्मदिन के मौके पर और पिछले कुछ महीनों में आमिर से हुई कई मुलाकातों पर शाहरुख ने कहा कि आमिर के जन्मदिन के मौके पर वो शहर में ही थे, तो ऐसे में वो आमिर को विश करने के लिए उनके घर चले गए. आगे चलकर किसी फिल्म में साथ काम करने के सवाल पर शाहरुख ने कहा कि वो दोनों किसी भी तरह के काम के बारे में कभी बात नहीं करते हैं...और पिछले दो-तीन महीने में कई बार दोनों की मुलाकातें तो हुईं हैं, वो अक्सर मिलते भी रहते हैं, मगर काम के बारे में कभी डिस्कस नहीं करते हैं. जब शाहरुख को पूछा गया कि मेडिकल हिस्ट्री पर बनी सबसे बड़ी और हिट हिंदी फिल्म 'मुन्नाभाई एमबीबीएस' पहले उन्हें ही ऑफर की गई थी और उसे ना कर पाने का कोई मलाल उन्हें अब भी है क्या, तो शाहरुख ने कहा कि उनके मुताबिक जिसकी किस्मत में जो फिल्म होती है, वो उसे मिलती है. "मुझे नहीं लगता है कि वो किरदार संजय दत्त से बेहतर कोई और निभा सकता था", शाहरुख ने कहा. शाहरख ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में एक रोचक किस्सा सुनाते हुए कहा कि उनकी उम्र के और जो पुराने लोग (पत्रकार) यहां मौजूद हैं, उन्हें याद होगा कि पहले वो किस तरह से चैरिटी के लिए लोगों को 500-500 रुपए देने के लिए कहते थे और फिर ऐसा करने पर ही अक्सर वो पत्रकारों को इंटरव्यू दिया करते थे.