मेरिल स्ट्रीप से तुलना पर शाहरुख ने कहा, मुझे ऐसा मंच दे जहां से मेरे नजरिए को पेश किया जा सके
मुंबई: बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान हिंदी सिनेमा के बड़े नामों में से हैं. उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप भी होती हैं तो 100 करोड़ रुपए से ऊपर की कमाई कर लेती हैं. उनकी जिंदगी में कई बार ऐसा वक्त आया जब शाहरुख अपनी फिल्मों की वजह से नहीं बल्कि अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहे. कई बार वे इन्हीं वजहों से राजनेताओं के निशाने पर भी आए. कुछ ने तो उन्हें पाकिस्तीनी तक बता डाला और वहीं जा के बसने की सलाह भी दे दी.
देश के लोग और मीडिया उनसे कई बार कुछ मुद्दों पर उनकी राय जानना चाहते हैं. लेकिन हर बार शाहरुख कुछ बोले ऐसा कम ही होता है. अक्सर वे विवादों से बचने की कोशिश में रहते हैं. इसी को लेकर अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्प्रेस’ के लिए शाहरुख ने आर्टिकल लिखा है. गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स में अमेरिकी एक्ट्रेस मेरिल स्ट्रीप ने अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की खुलकर आलोचना की जिसके बाद से भारत में भी ये सवाल उठने लगें कि हमारे देश में एक्टर्स इतना खुलकर राजनीतिक विषयों पर क्यों नहीं बोलते हैं. इस दौरान शाहरुख खान को भी इन सवालों का सामना करना पड़ा.
इन्हीं बातों पर अपनी राय देते हुए शाहरुख ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के लिए लिखे गए आर्टिकल में कहा, “मेरिल स्ट्रीप ने गोल्डन ग्लोब में जो कहा, वो अमेरिका में जो हो रहा है उससे संबंधित है. उन्होंने इसलिए कमेंट किया क्योंकि वो उन बातों से सहमत हैं.” शाहरुख ने अपने लेख में पत्रकारों से सवाल किया है कि क्या भारत के हालात भी यूएस की तरह हैं. उन्होंने कहा, “इससे पहले कि आप उनसे मेरी तुलना करना शुरु करें, मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि क्या हमारे देश के हालात वहां जैसे हैं? नहीं हैं, जब हालात अलग हैं तो जो लोग अपनी बात कहना भी चाहते हैं वो अपनी बात को अलग तरीके से ही रखेंगे.”
शाहरुख ने आगे लिखा, “पत्रकार पूछते हैं, हमारे एक्टर्स कब उनकी तरह बोलना शुरु करेंगे? भारतीय एक्टर्स ऐसे मुद्दे पर क्यों अपनी ज़बान खोलें जो है ही नहीं? अगर कोई एजेंडा या सिचुएशन ऐसा है, जिसपर आप चाहते हैं कि हम बोले, तो आप हमसे पूछिए, जाहिर है हम उस पर बोलेंगे.”
पत्रकारों पर निशाना साधते हुए शाहरुख ने आगे लिखा, “अब मैं आपसे पूछता हूं. आप देखिए अमेरिका में वहां के पत्रकार बिना किसी डर के और तथ्यों के साथ वहां के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार से सवाल करते हैं और अगर कोई उन्हें टोकता है तो वे कहते हैं ‘ये इनका टाईम हैं’ यहां मैं आपस कहता हूं कि ये आपका टाईम नहीं है, तो क्या आप मेहरबानी करके चुप रहेंगे? क्या मैं उन दो लोगों को सुन सकता हूं जिनसे आप सवाल कर रहे हैं? लेकिन मैं देखता हूं कि स्टूडियो में दो पत्रकार आपस में ही सवाल करते हैं और जो पैनेलिस्ट हैं वो चुप रहते हैं. ये अजीब जगह है.”
शाहरुख ने लिखा, “आप एक ऐसा मंच लेकर आएं जहां से आप मेरे नजरिए को पेश कर सकें ना कि अपने एजेंडे को सेट करें और अगर ऐसा मंच मिला तो मैं बोलूंगा.’’ शाहरुख ने मिडिया से अपील की है कि वो ऐसे लोगों से दूर रहे जो बस पब्लिसिटी के लिए सोशल मीडिया पर विवाद खड़ा करते हैं. उन्होंने कहा, “मीडिया का काम किसी की पब्लिसिटी करना नहीं बल्कि लोगों के मुद्दों को उठाना है जिससे यह पता चल सके कि हमारे आस पास की दुनिया में क्या हो रहा है. उन्होंने आगे लिखा, “मीडिया ही पहला सोर्स है जिनके जरिए हम यह जान पाते हैं कि हमारे आस पास क्या हो रहा है.”
शाहरुख ने ट्विटर पर ट्रॉल होने को लेकर लिखा, “मैं जानता हूं कि मेरी राय अहमियत रखती है. पर मैं अपनी बात को सही जगह पर रखना चाहूंगा, मैं ट्विटर के हैशटैग का हिस्सा नहीं बनना चाहता.” उन्होंने ट्विटर कल्चर पर निशाना साधते हुए कहा, “सोशल मीडिया पर कई ऐसे लोग हैं जो तीन घंटे लाइट बंद कर के ‘सेव पावर डे’ मनाते हैं लेकिन इस दौरान वे ट्वीट और रीट्वीट करना नहीं भूलते हैं. जबकि इस दौरान उन्हें आराम करना चाहिए.”