पठान (Pathaan) की शानदार सफलता के बाद शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) पहली बार मीडिया से रूबरू हुए. यहां पर किंग खान ने फिल्म को लेकर हो रहे विवाद पर बिना नाम लिए बहुत कुछ कह दिया. शाहरुख ने कहा कि उनका मकसद किसी की भावनाओं को आहत पहुंचाना नहीं है. उन्होंने ये भी बताया कि फिल्म को ठीक से रिलीज करने देना ही उनकी सबसे बड़ी चिंता थी.


शाहरुख ने आज मुंबई में आयोजित पीसी में कहा, ''मैंने सत्ता में बैठे लोगों से बात कर सुनिश्चित किया कि यह फिल्म हर जगह शांति के साथ रिलीज हो. यही मेरी चिंता थी. फिल्में बड़ी बात नहीं हैं, मनोरंजन ही तो है... सब आसानी से होना चाहिए... यह हुआ भी. इसकी खुशी है.'


बता दें कि फिल्म के नाम और 'बेशरम रंग' गाने को लेकर देशभर में खूब बवाल हुआ. लेकिन इस पर पूरी स्टारकास्ट ने कभी कुछ नहीं कहा. आज भी शाहरुख खान ने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन अपनी बात कह दी.


शाहरुख ने ये भी कहा कि वो हर धर्म के लिए सिनेमा बनाते हैं. उन्होंने कहा, ''जाते वक्त मैं कहना चाहूंगा कि जो भी फिल्म बनाते है, चाहे जिस भाषा में बनाए, सबका मकसद है कि हम अपने किरदारों से लोगों को खुश करूं. हमारा मकसद कभी भी किसी की भी भावनाओं को ठेस ना पहुंचाएं. हम अमर (दीपिका) अकबर (शाहरुख) एंथनी (जॊन) है, हम हर तबके, समुदाय, धर्म के लोगों को फिल्म बनाते हैं, प्यार और खुशियां बांटने के लिए 'पठान' का मतलब यही है.''


विवादों के बीच इस फिल्म के स्टारकास्ट ने कोई प्रमोशन नहीं किया, कभी मीडिया से बात नहीं की. इस पर शाहरुख ने कहा, ''किसी मकदस से मीडिया से नहीं मिले, ऐसा नहीं है. कोविड में फिल्म शूट हुई है... सब बिजी थे... सभी ने इतना प्यार दिया, सभी का शुक्रिया!''


शाहरुख ने ये भी कहा, ''मेरी इच्छा होती है कि मैं लोगों को खुशी बांट सकूं और इस बार खुशी बांटने का मौका मिला तो मैं बहुत खुश हूं. मैं हमेशा के लिए आदित्य और सिद्धार्थ आनंद का शुक्रगुजार रहूंगा जिन्होंने मुझे काम करने का‌ मौका दिया.''



इतनी बड़ी हिट की नहीं थी उम्मीद


शाहरुख खा ने कहा, ''मैं, जॉन, दीपिका, आदित्य, सभी की तरफ से शुक्रिया. हमें अभी भी यकीन नहीं हो रहा है कि यह फिल्म इतनी बड़ी हिट होगी.''


'दुख होता है तो मैं बालकनी में आता हूं'
शाहरुख खान से बालकनी से अभिवादन करने को लेकर सवाल पूछा गया. उन्होंने कहा, ''घर के बड़ों ने बताया कि जब दुखी हैं तो आप उन लोगों के पास जाओ, जो आपको प्रेम देते हैं, मेरे पास लाखों-करोड़ों लोग हैं. जब दुख होता है तो मैं बालकनी में आता हूं और जब दुख जाता है तो मैं बालकनी में आता हूं. मेरे पास हमेशा-हमेशा के लिए बालकनी का टिकट है.''



'मेरी फिल्में प्यार से रिलीज हों'


शाहरुख खान ने कहा, "यह एक ऐसा तजुर्बा है जिसमें अभी झांक कर देकना चाहिए. शायद हम ऊपरवाले के प्रति अधिक आभारी होंगे. कई बार हमें लोगों को फोन करना पड़ता था कि वे फिल्म को आसानी से रिलीज करें और उन्होंने ऐसा ही किया. मैं चाहता हूं कि मेरी फिल्में प्यार से रिलीज हों. मुझे यकीन है कि फिल्म देखने के दौरान मेरे कुछ दोस्त बहुत उत्साहित हो गए होंगे और एक या दो कुर्सी तोड़ दी होगी. लेकिन इंटेन्शन यह है कि उन्हें फिल्म देखकर सिर्फ खुशी महसूस हो. यह एक अनुभव होना चाहिए, पॉपकॉर्न के खाली पैकेट से ज्यादा."


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