मुंबई: बॉलीवुड के सबसे बड़े और सबसे कामयाब डायरेक्टर राजकुमार हिरानी पर हाल ही में लगे यौन शोषण के आरोपों सर बॉलीवुड सकते में है. तनुश्री दत्ता-नाना पाटेकर मामले और साजिद खान पर लगे तमाम आरोपों पर खुलकर सामने आनेवाले तमाम सितारों ने अब ख़ामोशी की चादर ओढ़ ली है.


ऐसे में एबीपी न्यूज़ द्वारा पूछे गए एक सवाल पर रिचा चढ्डा ने राजकुमारी हिरानी पर लगे इल्जामों पर अपनी राय रखते हुए कहा कि पिछले तीन-चार महीनों में उन्हें इस बात का एहसास हुआ है कि ऐसे मामलों में कानून का सहारा लेना ही सबसे बढ़िया रास्ता है. उन्होंने कहा कि पीड़िता को पुलिस के पास जाकर शिकायत दर्ज करानी चाहिए और अगर ताक़तवर लोगों द्वारा किसी भी तरह का कोई दबाव पड़े तो लड़की को पीछे नहीं हटना चाहिए और ऐसे दबावों पर भी खुलकर बात करनी चाहिए.


 





MeToo मूवमेंट का हमेशा से समर्थन‌ करने वाली रिचा चड्ढा ने इस बात पर भी चिंता जाहिर की कि आजकल हर तरह के मामलों को MeToo मूवमेंट का नाम दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एक ख़राब डेट MeToo नहीं है, एक‌ ख़राब रिश्ता MeToo नहीं होता, आपसी रिश्तों में दरार आ जाना MeToo नहीं है और न ही बदले की भावना से लगाया गया इल्ज़ाम MeToo के तहत नहीं आता.



उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि यौन शोषण के ज़्यादतर मामलों में आजकल मीडिया द्वारा ट्रायल हो रहा है, जबकि ट्रायल कानून द्वारा होना चाहिए. रिचा का कहना है कि हम 2019 में जी रहे हैं और ऐसे में अगर किसी का शोषण होता है तो पीड़ित शख़्स को निश्चित तौर पुलिस के पास जाकर कानून का रास्ता अख़्तियार करना चाहिए.


अपनी आनेवाली फिल्म 'शकीला' के अनोखे कैंलेंडर लॉन्च के दौरान कहा कि रिचा चड्ढा ने कहा कि मैं MeToo मूवमेंट को लेकर काफ़ी उत्साही हूं क्योंकि आज के दौर में ये बेहद अहम हो गया है. उन्होंने कहा कि उन्हें कहीं भी औरतों का असुरक्षित होना स्वीकार्य नहीं है.