हिन्दी फिल्मों के विलेन कहे या कॉमेडियन, शक्ति कपूर एक ऐसे अभिनेता हैं जिन्होंने दिखा दिया कि वो अभिनय की हर विधा में माहिर हैं. शक्ति कपूर जितना अपने नेगेटिव किरदार के लिए जाने जाते है उतनी ही उनकी कॉमेडी दर्शकों को गुदगुदाती है. शक्ति कपूर आज अपना 69वां जन्मदिन मान रहे हैं. शक्ति कपूर के फिल्मों में आने की कहानी भी दिलचस्प हैं. उन्हें तो ये नाम भी अभिनेता सुनीत दत्त ने दिया था.


ऐसे बने हिन्दी फिल्मों के विलेन


शक्ति कपूर का जन्म दिल्ली के पंजाबी परिवार में हुआ, उनकाअसली नाम सुनील सिकंदरलाल था. शक्ति कपूर ने एक इंटरव्यू में बताया था, कि एक बार वो कार चला रहे थे तभी उनकी कार की टक्कर एक मर्सिडीज से हो गई. इसके बाद उन्होने गुस्से में मर्सिडीज वाले से झगड़ना शुरू कर दिया. इस कार में कोई और नहीं बल्कि फिरोज खान बैठे थे. जैसे ही उनकी नजर मशहूर अभिनेता फिरोज खान पर पड़ी उन्होने उनसे काम मांगना शुरू कर दिया शक्ति ने कहा कि सर मैंने एक्टिंग में डिप्लोमा किया है मुझे काम दे दीजिए. जिसके बाद फिरोज खान ने उन्हें फिल्म 'कुर्बानी' में विलेन का रोल मिला.


सुनील दत्त ने बदला नाम


विलेन बनने की तरह ही उनके नाम बदलने की कहानी भी दिलचस्प है, अभिनेता सुनील दत्त उन दिनों संजय दत्त के लिए फिल्म रॉकी बना रहे थे जिसमें उन्हें विलेन की तलाश थी. सुनील दत्त की नजर सुनील सिकंदरलाल पर पड़ी और उन्होने ये रोल उन्हें ऑफर कर दिया लेकिन उन्हें उनका नाम पसंद नहीं आ रहा था जिसके बाद सुनील दत्त ने उनका नाम बदलकर शक्ति कपूर कर दिया.


शक्ति कपूर को फिल्म कुर्बानी और रॉकी से ही विलेन के तौर पर पहचाना जाने लगा. उन्होंने हिम्मतवाला, हीरो जैसी कई फिल्मों में नेगेटिव रोल किया. शक्ति कपूर विलेन के रोल करके थक चुके थे जिसके बाद उन्होने अपनी इमेज चेंज करने की कोशिश की और फिर गोविंदा के साथ कई फिल्मों में कॉमेडी की. उन्होंने राजा बाबू, बाप नंबरी बेटा दस नंबरी जैसी कई कॉमेडी फिल्में करके साबित कर दिया कि वो एक अच्छे अभिनेता है.