Shammi Kapoor Geeta Bali: शम्मी कपूर की प्रोफेशनल लाइफ की तरह उनकी पर्सनल लाइफ भी रोमांचक रही. शम्मी कपूर ने अपने पिता के साथ ही काम करना शुरू कर दिया था. पृथ्वी थिएटर में काम करके उन्हें 50 रुपए मिला करते थे. साल 1953 में शम्मी कपूर ने अपने अभिनय की शुरुआत की. उनकी पहली फिल्म बतौर हीरो 'जीवन ज्योति' थी. जब शम्मी कपूर ने फिल्मों में थोड़ा नाम कमा लिया तब उनका अफेयर गीता बाली से चला. गीता बाली अपने दौर की बहुत बड़ी एक्ट्रेस थीं. कहते है कि शम्मी गीता बाली को देखते ही उन पर फिदा हो गए थे.


गुपचुप रचाई शादी 


शम्मी कपूर और गीता बाली पहली बार 1955 में 'रंगीन रातें' के सेट पर मिले थे. फिल्म की शूटिंग के दौरान दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं. मुलाकातों का सिलसिला कुछ महीनों तक चलने के बाद दोनों ने गुपचुप एक मंदिर में शादी रचा ली. दोनों ने दुनिया की नजरों से बचकर शादी की थी, इसलिए जब गीता की मांग भरने के लिए एक्टर के पास सिंदूर नहीं था, तो उन्होंने गीता बाली की मांग लिपस्टिक से ही भर दी. गीता बाली से शादी के समय शम्मी कपूर का फिल्मी करियर थोड़ा डगमगाया हुआ था.


इस शर्त पर की दूसरी शादी 


वे अपनी एक के बाद एक लगातार फ्लॉप हो रही फिल्मों से परेशान हो गए थे. उन्होंने गीता बाली से कहा कि अगर 'तुमसा नहीं देखा' फिल्म फ्लॉप होती है तो वे एक्टिंग को हमेशा के लिए अलविदा कह देंगे. इस कठिन दौर में गीता उनका सहारा बनीं और उन्हें बहुत मोटीवेट किया. गीता ने एक्टर से कहा कि ये फिल्म हिट होगी और तुम एक बेहतर एक्टर बनोगे. आखिरकार गीता बाली की ये बात सच हुई और फिल्म हिट हो गई. इसके बाद शम्मी 'दिल देके देखो’, ‘जंगली’, ‘कश्मीर की कली’ और ‘जानवर’ जैसी सुपरहिट फिल्मों में नजर आए. लेकिन इसी बीच पत्नी गीता बाली की मौत हो गई और एक्टर बुरी तरह टूट गए. शम्मी कपूर डिप्रेशन में चले गए. दो छोटे बच्चों की परवरिश अकेले करना उनके लिए मुश्किल हो रहा था, इसलिए उन्होंने नीला देवी से इस शर्त पर दूसरी शादी की कि वे कभी अपनी संतान पैदा नहीं करेंगे. 


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