Sharman Joshi Unknown Facts: आज भले ही उनका कॉमिक अंदाज लोगों के चेहरे पर मुस्कान ले आता है, लेकिन कभी हंसाने की कोशिश करने के लिए ही उन्हें भयंकर ताने सुनने पड़ते थे. उन्होंने पर्दे पर कभी 'गोलमाल' किया तो कभी 'एक्सक्यूज मी' कहकर सबको ठहाके लगाने के लिए मजबूर कर दिया. फिर इस अभिनेता के करियर में एक ऐसी फिल्म आई, जिसने उन्हें पर्दे पर 'इडियट' बनाकर पेश कर दिया. हम बात कर रहे हैं सबके चहेते और अपनी कॉमिक टाइमिंग के लिए मशहूर अभिनेता शरमन जोशी की. शरमन आज अपना 44वां जन्मदिन मना रहे हैं और इस खास मौके पर हम आपके उनकी जिंदगी के मेहनत भरे, मगर हसीन सफर पर लेकर चलते हैं..
थिएटर से शुरू किया अभिनय का सफर
गुजराती परिवार से ताल्लुक रखने वाले शरमन जोशी का जन्म 28 अप्रैल 1979 को सिनेमा की दुनिया का गढ़ कहे जाने वाले मुंबई शहर में हुआ. बच्चे के जन्म लेते ही माता-पिता उन्हें डॉक्टर-इंजीनियर बनने का माहौल देते हैं, लेकिन शरमन की जिंदगी में शुरू से ही सिनेमा रहा. ऐसा इसलिए, क्योंकि उन्हें अभिनय का गुण विरासत में मिला. अभिनेता के पिता से लेकर बहन तक सभी थिएटर से जुड़े हुए थे. इसी वजह से शरमन ने भी पढ़ाई पूरी करने के बाद थिएटर का ही हाथ थामा और अभिनय की समंदर जैसी विशाल दुनिया में अपनी नाव लेकर उतर पड़े.
जब शरमन ने सुने ताने
बतौर थिएटर आर्टिस्ट अपने सफर में शरमन जोशी ने काफी शो किए. यह भी रिकॉर्ड है कि उन्होंने तीन साल में तकरीबन 550 शो किए, लेकिन थिएटर की शांत नदी में चलती इस नाव को बॉलीवुड की तेज और घुमावदार लहरों में ठहराव ढूंढने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा. कड़ी मेहनत और काफी चप्पल घिसने के बाद शरमन की जिंदगी में 1999 के दौरान 'गॉडमदर' आई और बॉलीवुड में उनके करियर की शुरुआत हुई. हालांकि, पहली फिल्म में काम करने के बाद भी शरमन को कई बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा. आज चाहे शरमन को सिनेमा के बेस्ट कॉमिक आर्टिस्ट में गिना जाता हो, लेकिन शुरुआती दिनों में उन्हें खराब कॉमिक टाइमिंग के लिए काफी ताने सुनने को मिलते थे.
इस फिल्म ने संभाला शरमन का करियर
कहते हैं 'खुदी को कर बुलंद इतना कि खुद खुदा तुझसे पूछे तेरी रजा क्या है...' दरअसल, शरमन ने कभी हार नहीं मानी और उनका हौसला बढ़ाने का काम निर्देशक शफी ईनामदार ने किया. मेहनत और लगन से शरमन ने अपने अभिनय और कॉमिक टाइमिंग में इतना सुधार किया कि अभिनेता ने एक के बाद एक कई कॉमेडी फिल्मों में शानदार अभिनय कर लोगों का दिल जीत लिया. शरमन जोशी करियर की शुरुआत में सीरियस किरदार निभाते दिखे, लेकिन उन्हें वह पहचान नहीं मिली, जिसके वह हकदार थे. शरमन के हाथ पहले 'रंग दे बसंती' लगी और फिर 'गोलमाल'. रोहित शेट्टी निर्देशित इस फिल्म ने शरमन की डूबती नैया को ऐसा सहारा दिया कि उनकी किस्मत पलट गई. इस फिल्म के बाद साल 2009 में आमिर खान, आर माधवन के साथ शरमन ने पर्दे पर '3 इडियट्स' में काम किया और जिंदगी भर के लिए वह इडियट के नाम से मशहूर हो गए.
जब उड़ी शरमन की मौत की अफवाह
पर्दे पर इतने बेहतरीन किरदार निभाने के बाद भी शरमन जोशी को किसी फिल्म में लीड रोल निभाने के लिए 40 बार ऑडिशन देना पड़ा था. यह फिल्म विधु विनोद चोपड़ा की 'फरारी की सवारी' थी. इतने शानदार अभिनेता की जिंदगी एक दौर ऐसा भी आया, जब सोशल मीडिया पर उनकी मौत की खबर आम हो गई. शरमन के निधन की खबरें इतनी ज्यादा फैल गईं कि लोग उनके बारे में सर्च करने लगे. इसके बाद पता लगा कि वह बिल्कुल ठीक हैं. अभिनेता की निजी जिंदगी की बात करें तो शरमन जोशी बॉलीवुड के मशहूर विलेन प्रेम चोपड़ा की बेटी प्रेरणा को दिल दे बैठे थे. पहली नजर के प्यार को मुकम्मल करते हुए शरमन ने प्रेरणा संग महज 21 साल की उम्र में सात फेरे ले लिए थे.