नई दिल्ली: बीते दौर की मशहूर अदाकारा शर्मिला टैगोर के मुताबिक ‘पद्मावती’ फिल्म के साथ अभी जो विवाद हो रहा है, वह ठीक नहीं है और ऐसे विवाद फिल्म इंडस्ट्री को नुकसान ही पहुंचाते हैं.


शर्मिला को कल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से सिनेमा में योगदान के लिए ‘लाइफटाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार दिया गया. इस मौके पर उन्होंने यह बात कही.


उनसे सवाल किया गया था कि क्या फिल्मों के साथ विवादों को जानबूझकर जोड़े जाने से कोई फायदा मिलता है, इस पर शर्मिला ने कहा, ‘‘मुझे इस बात पर संदेह है. एक-दो बार इससे फिल्म को मदद मिल जाती है, लेकिन अधिकतर यह फिल्म को नुकसान पहुंचाता है. अभी ‘पद्मावती’ के साथ जो हो रहा है, मुझे नहीं लगता कि इससे फिल्म को फायदा होगा.’’


उन्होंने कहा कि संजय लीला भंसाली के साथ उनकी ही फिल्म के सेट पर बदसलूकी की गई. सेट को नुकसान पहुंचाया गया, जिससे उनकी फिल्म में देरी हुई और उसकी लागत बढ़ी. ऐसे विवाद लोगों के बीच डर पैदा करते हैं और फिल्म की शुरुआती तीन दिन की कमाई प्रभावित होती है. इसका नुकसान फिल्म इंडस्ट्री, और इससे जुड़े लोगों को होता है.


गौरतलब है कि ‘पद्मावती’ की शूटिंग के दौरान भंसाली पर हमला किया गया था और शूटिंग की जगह और उपकरणों को नुकसान पहुंचाया गया था.


शर्मिला ने कहा कि ऐसे में दर्शक सोचते हैं कि पहले दो दिन बाकियों को जाने दो. कोई गड़बड़ नहीं होती है तो फिर वह जाएंगे. परिवारों के बीच डर घर कर जाता है. सिनेमाघर जला देने की धमकी दी गई है ....तो इस तरह के विवाद फिल्म को और पूरे फिल्म समुदाय को नुकसान पहुंचाते हैं.


शर्मिला साल 2004 से 2011 के बीच सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष भी रही हैं. अपने कार्यकाल के समय हुए विवादों के बारे में उन्होंने कहा कि उनके दौर में ‘गजनी’, ‘ओमकारा’ और ‘आजा नचले’ के साथ विवाद हुए लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी ‘जोधा अकबर’ को लेकर हुई.