नई दिल्ली: हिंदी फिल्म जगत के खूबसूरत अभिनेताओं में से एक शशि कपूर इस दुनिया को छोड़कर जा चुके हैं. साल 2017 में 4 दिसंबर को शशि कपूर ने आखिरी सांस ली और दुनिया को अलविदा कह गए. 18 मार्च 1938 को कोलकाता में जन्में शशि कपूर की आज जयंती है. बॉलीवुड का ये सितारा अपने जीवन में करीब 160 फिल्मों में नजर आया, जिसमें 12 अंग्रेजी और 148 हिंदी फिल्में रहीं.



जेनिफर को पहली नजर में दिल दे बैठे थे शशि कपूर


शशि कपूर ने जुलाई 1958 में ब्रिटिश एक्ट्रेस जेनिफर केंडल से मुंबई में (तब के बंबई) शादी की थी. जेनिफर और शशि कपूर की लव स्टोरी भी काफी खास है. शशि ने जेनिफर को पहली दफा देखकर ही दिल दे दिया था. जब शिश कपूर अपने पिता पृथ्वीराज कपूर के कलकत्ता स्थित थिएटर में प्ले किया करते थे. बताया जाता है कि शशि कपूर का वो प्ले दर्शकों को इतना पसंद आया कि सभी ने उसे बढ़ाने की मांग की और हुआ भी ऐसा ही. इसी दौरान शशि कपूर कई दिनों से लगातार एक बेहद खूबसूरत लड़की को देखते थे, जो हॉल में सबसे आगे वाली लाइन में एक सीट पर बैठा करती थी.



इसके बाद शशि कपूर मे अपने प्यार का इजहार करने का मन बना लिया था जिसके लिए उन्होंने अपने चचेरे भाई सुभिराज का सहारा लिया. दरअसल, शशि कपूर ने उन्हें अपने पहले प्यार के बारे में बताया और मिलवाने के लिए एक मीटिंग रखने का प्लान बनाया. इसी के चलते उन्हें पहली बार जेनिफर से मिलने का मौका मिला. जैसा की जेनिफर शशि का पहला प्यार थीं तो ये तो साफ ही है कि इससे पहले उनकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी.


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जिसके कारण पहली मुलाकात के दौरान शशि कपूर काफी घबरा रहे थे लेकिन जेनिफर क्योंकि इस बात से बेखबर थीं इसलिए इस मुलाकात के दौरान वो काफी नॉर्मल थीं जिसके कारण इस मुलाकात में शशि कपूर अपने प्यार का इजहार नहीं कर पाए और यूं ही वापस चले आए. इसके बाद जेनिफर अपने दोस्तों और ग्रुप के साथ शशि कपूर के प्ले देखने आने लगीं जिसके चलते उनकी और शशि जी की मुलाकातें भी बढ़ने लगी थीं. इन्हीं मुलाकातों के चलते जेनिफर को भी शशि कपूर पसंद आ गए और दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया. उनके अफेयर के बारे में पता चलने पर परिवार वालों का कहना था कि उड़ने से पहले ही शशि कपूर के पंख बंध गए.



ट्रेन ले आई थी दोनों को एक -दूसरे के करीब 


शशि कपूर व्यवहार से काफी शर्मीले थे. मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में शशि कपूर ने बताया था कि उन्हें जेनिफर का हाथ पकड़ने में भी काफी समय लग गया था. इस वाकया के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया था कि एक दिन वो जेनिफर के साथ लोकल ट्रेन में फिल्म देखने जा रहे थे. उस वक्त उनकी कमाई काफी कम थी जिसके कारण वो दोनों लोकल ट्रेन में ही सफर किया करते थे. इसी सफर के दौरान शशि कपूर ने जिंदगी का सबसे खूबसूरत लम्हा जिया.


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दरअसल, हुआ यूं कि ट्रेन में काफी भीड़ थी और अचानक झटका लगा जिसके कारण जेनिफर को संभालने के लिए शशि कपूर मे उन्हें थाम लिया. शशि कूपर ने अचानक से जेनिफर को पकड़ तो लिया लेकिन वो इतना शर्मा रहे थे कि समझ नहीं पाए कि छोड़े या नहीं क्योंकि वो तो जिंदगी भर जेनिफर के हो जाना चाहते थे. उन दिनों शशि कपूर की कमाई इतनी कम थी कि वो जेनिफर को गाड़ियों में घुमाना तो दूर किसी अच्छे से रेस्टोरेंट में भी नहीं ले जा पाते थे. इसलिए वो आगे के बारे में सोच नहीं पा रहे थे. इसके बाद एक दिन उनके बड़े भाई शम्मी कपूर ने उन्हें जेनिफर को घर बुलाने के लिए कहा.


 


परिवार की डांट के डर से शशि कपूर जेनिफर को अपने घर तो न ले जा सके लेकिन वो उन्हें अपने भाई शम्मी कपूर के घर ही ले गए. शम्मी कपूर की पत्नी गीता को तो जेनिफर पहली ही नजर में इतनी पसंद आ गईं कि वो शशि कपूर को अपनी गाड़ी और पैसे भी देती दे देती थीं ताकि वो जेनिफर के साथ अच्छा वक्त बिता सकें. लेकिन शशि कपूर का शर्मीला व्यवहार जेनिफर को बहुत बुरा लगता था और वो इससे काफी परेशान थीं.


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इसी कारण एक दिन जेनिफर ने शशि कपूर से बेबाकी से कह दिया कि ''तुम मुझे इतने वक्त से जानते हो और कभी मेरी तरफ कदम नहीं बढ़ाया. जबकि मैं तुमसे इतना प्यार करती हूं.'' इसके बाद तो जैसे शशि कपूर में एक नया जोश पनप आया हो. जेनिफर के ऐसा कहने के बाद उन्होंने भाई शम्मी कपूर से कहा कि वो पिता जी से इस बारे में बात करें और उन्हें मनाएं. काफी मुश्किलों से उन्होंने अपने पिता को मनाया क्योंकि पृथ्वीराज कपूर नहीं चाहते थे कि उनके घर में विदेशी महिला बहू बनकर आए. लेकिन अंत में वो बेटे की खुशी के लिए इस शादी के लिए तैयार हो गए.


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बात आई जेनिफर के पिता पर तो जेनिफर बेटी के साथ साथ उनके प्ले की हीरोइन भी थी, जिसके कारण उन्हेंने शादी के लिए करीब दो साल का समय मांगा. दो साल को जैसे-तैसे शशि कपूर मे काट लिए. समय पूरा होने के बाद शशि ने जेनिफर से पिता से उनकी बेटी का हाथ मांगा तो उन्होंने मना कर दिया. पिता का ये रवैया देखते हुए जेनिफर ने शशि कपूर से साफ लफ्जों में कह दिया कि वो मेच्योर हैं और अपनी मर्जी से उनसे शादी करना चाहती हैं, भले ही उनके पिता इसके खिलाफ हों. इसके बाद साल 1958 में मुंबई आकर शशि कपूर ने जेनिफर के साथ भारतीय रीति रिवाजों से शादी कर ली थी.



बताते चलें कि जेनिफर शशि से उम्र में तो बड़ी थी ही साथ ही उनका हर तरह से ख्याल भी रखती थीं. जेनिफर शशि को शराब से दूर रखना चाहती थीं क्योंकि उनका मानना था कि शराब घर टूटने का सबसे बड़ा कारण होती है. इतना प्यार और ख्याल रखने वाली जेनिफर ने शशि कपूर से अपने जीवन का सबसे बड़ा राज छुपाया. दरअसल, जेनिपर को कैंसर था जिसके बारे में उन्होंने शशि को कभी भनक तक नहीं लगने दी. शशि कपूर को इस बारे में बताए बिना ही उनके थिएटर के लिए काम करती रहीं. जिसके बाद 7 सितंबर 1984 को कैंसर के कारण उनका निधन हो गया था. पहली ही नजर में जेनिफर को दिल दे बैठे शशि ने उनके निधन के बाद अपनी जिंदगी में ये ओहदा किसी को नहीं दिया और अपनी पूरी जिंदगी जेनिफर के साथ बिताए खूबसूरत पलों को याद कर बिता दी. अंत में आपको बता दें कि शशि और जेनिफर के तीन बच्चे हैं कुणाल कपूर, करण कपूर, संजना कपूर.