Shashi Kapoor Financial Crisis: कपूर खानदान के बेटे शशि कपूर को कौन नहीं जानता. उन्होंने बॉलीवुड में अपनी स्टाइल और एक्टिंग से पहचान बनाई. मगर 'रोटी कपड़ा और मकान' जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में देने वाले शशि कपूर का एक ऐसा 'वक्त' भी आया जब उन्हें आर्थिक तंगी झेलनी पड़ी. 60 के दशक के अंत में शशि कपूर के पास ज्यादा काम और पैसा नहीं था. शशि कपूर के बेटे कुणाल कपूर ने खुद इसका खुलासा किया था.
2017 में दिए एक इंटरव्यू में कुणाल कपूर ने बताया था कि उनके पिता को अपनी स्पोर्ट्स कार बेचनी पड़ी थी. आर्थिक तंगी की वजह से शशि की पत्नी और कुणाल की मां जेनिफर केंडल को भी अपनी चीजें बेचनी पड़ी थीं. 1971 में आई फिल्म शर्मिली की वजह से उनकी सिचुएशन बेहतर हुई थी.
कुणाल कपूर ने बताया था कि उनकी जिंदगी में कई उतार चढ़ाव आए थए लेकिन इसने कभी उन्हें परेशान नहीं किया. कुणाल कपूर ने बताया था, 'जब मेरे पापा को धर्मपुत्र से लॉन्च किया गया था तो कोई भी एक्ट्रेस उनके (न्यूकमर) के साथ काम नहीं करना चाहती थी. केवल नंदा ही एक एक्ट्रेस थीं जो स्टार होने के बावजूद उन्होंने पापा के साथ काम करने के लिए हामी भरी.'
शशि कपूर को बेचनी पड़ी थी कार
आगे उन्होंने कहा था, 'मेरे पापा ने केवल एक फिल्म अजूबा डायरेक्ट की. फिल्म के सेट पर बड़ी पार्टी हुई और सभी ने एंजॉय किया. मुझे नहीं लगता कि उन्हें डायरेक्शन में कोई दिलचस्पी थी. वो एक एक्टर हैं. इसी तरह वो फिल्में प्रोड्यूस करने के बिजनेस में भी नहीं हैं. उन्होंने बेहतरीन फिल्में बनाईं, क्योंकि उन्होंने अपने कलाकारों और क्रू को वो सब दिया जो वे चाहते थे. 60 के दशक के आखिर में उनके पास कोई काम नहीं था. उन्हें अपनी कार बेचनी पड़ी, मम्मी भी चीजें बेचने लगीं क्योंकि हमारे पास पैसे नहीं थे. शर्मिली के बाद चीजें बदली.'
बता दें कि शशि कपूर ने चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर करियर की शुरुआत की थी. वो फिल्म बचपन, आग, संग्राम, अवारा, परिणीता, दाना पानी जैसी फिल्मों में दिखे. फिर उन्होंने 1961 में बॉलीवुड डेब्यू किया था. वो यश चोपड़ा की फिल्म धर्मपुत्र में नजर आए थे.
शशि कपूर ने दी ये हिट फिल्में
शशि ने नमक हलाल, स्वंयवर, सुहाग, कभी कभी, दीवार, रोटी कपड़ा और मकान, आ गले लग जा, शर्मिली, कन्यादान, जब जब फूल खिले और वक्त जैसी हिट फिल्में दी हैं. पर्सनल लाइफ में शशि की शादी जेनिफर केंडल के साथ हुई. उनके तीन बच्चे हैं, कुणाल कपूर, करण कपूर और संजना थापर.