पटना: मशहूर अभिनेता शेखर सुमन ने सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले की सीबीआई जांच की पुरजोर वकालत की है. बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के साथ पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के पटना के 10 सर्कुलर स्थित आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए शेखर सुमन जिन्होंने जस्टिस फॉर सुशांत मुहिम की शुरूआत की है, ने इस बात की आशंका जताई कि दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत सामान्य बात नहीं है.


उन्होंने कहा,‘‘मैं दृढ़तापूर्वक मानता हूं कि सुशांत की मौत केवल आत्महत्या का एक मामला नहीं है.’’ सुमन ने कहा कि जांच में ‘‘लापता कड़ी’’ यथा सुसाइड नोट का नहीं पाया जाना, सुशांत के घर की डुप्लिकेट चाभी का गायब होना तथा ‘‘एक महीने में 50 बार’’ सिम कार्ड का बदलना संदेह की ओर इशारा करता है.


सुमन ने स्पष्ट किया कि वह इस बात पर जोर नहीं दे रहे हैं कि सुशांत की मृत्यु ‘‘आत्महत्या का मामला नहीं’’ हो और भले ही 34 वर्षीय मृतक अभिनेता ने अपनी जान ले ली हो, पर इसके लिए दोषी पाये जाने वालों को सजा मिलनी चाहिए.


कई बॉलीवुड हस्तियों के फिल्मी जगत में ‘‘भाई-भतीजावाद’’ के आरोप के बारे में पूछे जाने पर सुमन ने हां में उत्तर दिया.


उन्होंने कहा कि उनके और शाहरुख खान के अलावा, सुशांत ही ऐसे थे जिन्होंने टीवी कलाकार के रूप में शुरुआत की और उसके बाद बड़े पर्दे पर सफलता हासिल की. एक स्वाभिमानी व्यक्ति, जो दिग्गजों के अहंकार के आगे झुकने में विश्वास नहीं करता था, वह कई लोगों की आंखों में खटकने लगा होगा.


हालांकि, उन्होंने किसी का नाम लेने से इंकार करते हुए कहा कि ऐसा करना गलत होगा जब तक कि मैं सबूत नहीं हासिल कर लेता और यही कारण है कि मैं सीबीआई जांच की मांग पर जोर दे रहा हूं.


सुमन ने कहा कि सुशांत और हमारे बीच खून का रिश्ता नहीं पर एक ही मिट्टी (बिहार) में पैदा हुए हैं.


उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद उन्हें लगा कि उन्हें पटना आना चाहिए जिसके बाद वो पटना आये और दिवंगत अभिनेता के परिजनों से मुलाकात की.


सुमन ने कहा कि वे इसको लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मुलाकात करने के लिए उनसे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से मुख्यमंत्री ने मिलने से इनकार कर दिया जिसके के बाद उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से वक्त मांगा और उन्होंने उन्हें तुरंत बुला लिया.


तेजस्वी जो कि राजगीर में बन रही फिल्म सिटी का नाम सुशांत के नाम पर रखे जाने की पूर्व में वकालत कर चुके हैं, ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सुशांत के परिजनों से जाकर मिलना चाहिए. मुख्यमंत्री के रूप में, वह न केवल अपनी पार्टी या सरकार के बल्कि बिहार के सभी निवासियों के नेता हैं.


उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार इस बात की पहल करें कि पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच हो और सच्चाई देश के सामने आ सके.