शिवसेना नेता संजय राउत और बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत विवाद के बीच केंद्र सरकार ने एक्ट्रेस को 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा दे दी है. लेकिन कंगना के खिलाफ शिवसेना के नेताओं और कार्यकर्ताओं का उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करवा रहे हैं. शिवसेना की औरंगाबाद इकाई ने सोमवार को स्थानीय पुलिस से कंगना के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है..


शिवसेना सेना के एक प्रतिनिधि मंडल ने औरंगाबाद शहर के सिडको पुलिस थाने में कंगना रनौत के खिलाफ ज्ञापन सौंपा और मामला दर्ज करने की मांग की. इसके साथ उन्होंने कंगना के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की भी मांग की. शिवसेना की औरंगाबाद इकाई के अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि कंगना ने मुंबई की तुलना पीओके से की, जिससे महाराष्ट्र के 13 करोड़ लोगों की भावनाएं आहत हुईं.


कंगना को माफी मांगने का नोटिस


इस बीच, मुंबई में एक सेवानिवृत्त सहायक पुलिस आयुक्त प्रदीप लोनाडकर ने सोमवार को कंगना रनौत को कानूनी नोटिस भेजकर उनसे मुंबई पुलिस और मुंबई को लेकर किए गए विवादास्पद ट्वीट पर माफी मांगने की मांग की है. बता दें कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद कंगना ने कहा था कि उन्हें मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से की थी.


विवाद की कैसे हुई शुरुआत
दरअसल कंगना ने मुंबई के लिए कहा था कि ये पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) जैसे लगने लगा है और उन्हें मुंबई पुलिस से सुरक्षा नहीं बल्कि डर है. इसके बाद कंगना के खिलाफ महाराष्ट्र के गृहमंत्री ने कहा कि अगर कंगना को मुंबई में डर लगता है तो वो यहां न आएं. वहीं शिवसेना नेता और सामना के संपादक संजय राउत बोले कि कंगना को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए.

इस पर कंगना ने एलान किया कि वो 9 सितंबर को मुंबई आ रही हैं और किसी के बाप में हिम्मत है तो उन्हें रोक के दिखाए. वहीं संजय राउत ने भी उनके लिए बेहद अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और उन्हें हरामखोर लड़की तक कह डाला.


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