Shriram Lagoo The Doctor Become Actor: हिंदी सिनेमा एक ऐसा समंदर है, जिसमें बड़े-बड़े दिग्गज कलाकार अपनी अदाकारी के गोते लगाते हैं. लेकिन यहां पहचान बनाना इतना आसान काम नहीं हैं. जिन्हें आज दिग्गज कलाकार की उपाधि दी जाती है, एक समय पर उनमें से भी कुछ अभिनेताओं ने फर्श से अर्श तक का सफर तय किया है. वहीं कुछ सितारे ऐसे भी हैं, जिन्होंने अधेड़ उम्र में डेब्यू करके दर्शकों के दिलों पर राज किया. उन्हीं में से एक हैं श्रीराम लागू. श्रीराम लागू अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़कर फिल्मी दुनिया में आए और सुपरस्टार बन गए. तो चलिए जानते हैं श्रीराम लागू ने कैसे अपना प्रोफेशन बदलकर सिनेमा को गले लगाया.


थिएटर भी करते थे श्रीराम लागू
श्रीराम लागू नाक, कान और गले के सर्जन थे. श्रीराम लागू को बचपन से फिल्मों का शौक था, शायद वही वजह थी कि उन्होंने डॉक्टर का प्रोफेशन छोड़कर सिनेमा की दुनिया में कदम रखा. श्रीराम लागू ने पुणे और तंजानिया में लंबे समय तक प्रैक्टिस की थी. डॉक्टर की डिग्री लेने के के बाद 42 की उम्र में उन्होंने फिल्मों में डेब्यू किया और अपनी पहचान बनाने में सफल रहे. श्रीराम लागू की दिलचस्पी थिएटर में भी थी. उन्होंने 'नटसम्राट', 'व्हेयर डेथ शिड अवे' जैसे कई नाटक किए थे.


मराठी नाटकों को भी किया डायरेक्ट
1975 में फिल्मी दुनिया में आए श्रीराम लागू ने 20 साल तक कई बड़ी बॉलीवुड फिल्मों में काम किया था. श्रीराम लागू हर किरदार को बड़ी नजाकत से निभाते थे. 1977 में आई फिल्म घरौंदा के लिए अभिनेता को बेहतरीन सहअभिनेता के अवॉर्ड से भी नवाजा गया था. खबरों की मानें तो श्रीराम लागू ने 20 से ज्यादा मराठी नाटकों को डायरेक्ट भी किया था. 


इन फिल्मों से छोड़ी छाप
श्रीराम लागू ने राजेश खन्ना के साथ मकसद, 'सौतन', 'नसीहत', 'थोड़ी सी बेवफाई' और आवाम जैसी फिल्मों में काम किया है. उन्होंने राजेश खन्ना के अलावा अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर के साथ भी काम किया है. 20 साल के करियर में श्रीराम लागू ने देवता, किनारा, सदमा, मुकद्दर का सिकंदर, लावारिस, इंकार, और जुर्माना जैसी करीब 100 फिल्मों में काम किया था. 


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