Shyam Benegal Death: पंचतत्व में विलीन हुए श्याम बेनेगल, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया
Shyam Benegal Death: जाने माने डायरेक्टर श्याम बेनेगल 23 दिसंबर को इस दुनिया को अलविदा कहकर चले गए थे. आज उनका पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
Shyam Benegal Last Rites: भारतीय सिनेमा में 1970 और 1980 के दशक में अपनी फिल्मों के लिए मशहूर फिल्मकार श्याम बेनेगल का मंगलवार को मुंबई में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया और उन्हें तीन बंदूकों की सलामी दी गई.
‘अंकुर’, ‘मंडी’, ‘निशांत’ और ‘जुनून’ जैसी फिल्मों के लिए फेमस बेनेगल का सोमवार को यहां एक अस्पताल में निधन हो गया. वह किडनी की गंभीर बीमारी से ग्रसित थे. फिल्मकार ने 14 दिसंबर को अपना 90वां जन्मदिन मनाया था. उनका अंतिम संस्कार दादर के शिवाजी पार्क श्मशान घाट पर दिन में करीब तीन बजे हुआ.
बेनेगल की पत्नी नीरा और बेटी पिया के साथ उनके समकालीन सहयोगी, सहकर्मी और युवा पीढ़ी के अभिनेता एवं कलाकार इस महान हस्ती को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे थे, जिनकी फिल्मों में भारत की कई हकीकत को बयां किया गया था.
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सेलेब्स ने दी अंतिम विदाई
बेनेगल की कई फिल्मों में अभिनय कर चुके अभिनेता नसीरुद्दीन शाह, रजित कपूर, कुलभूषण खरबंदा और इला अरुण निर्देशक को अंतिम विदाई देने के लिए उपस्थित थे. अभिनेत्री रत्ना पाठक शाह, उनके बेटे विवान शाह, लेखक-कवि गुलजार, निर्देशक हंसल मेहता, गीतकार-लेखक जावेद अख्तर, अभिनेत्री दिव्या दत्ता, अभिनेता बोमन ईरानी, कुणाल कपूर और अनंग देसाई भी मौजूद थे.
इस अवसर पर, शिवेन्द्र सिंह डूंगरपुर भी उपस्थित थे, जिनके ‘फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन’ ने हाल में बेनेगल की 1976 की फिल्म ‘मंथन’ को कान फिल्म महोत्सव में फिर से प्रदर्शित किया.
गुलजार ने कही ये बात
गुलजार ने कहा कि बेनेगल सिनेमा में जो क्रांति लाये, वह कभी दोबारा नहीं आएगी. गुलजार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘वह गए नहीं हैं, हम उनसे विदा हुए हैं और हमने उन्हें अलविदा कहा है. वह एक क्रांति लेकर आए और सिनेमा में बदलाव की उस क्रांति के साथ चले गए. कोई और उस लहर, क्रांति को दोबारा नहीं ला पाएगा. हम उन्हें लंबे समय तक याद रखेंगे और उनके बारे में लंबे समय तक बात करेंगे.’’
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बेनेगल की व्यंग्यपूर्ण फिल्म ‘वेलकम टू सज्जनपुर’ में मुख्य भूमिका निभाने वाले अभिनेता श्रेयस तलपड़े ने कहा कि बेनेगल की वजह से यह फिल्म उनके लिए सबसे यादगार शूटिंग अनुभवों में से एक रही.
तलपड़े ने कहा, ‘‘फिल्म की शूटिंग से लौटने के बाद मैंने काफी बदला हुआ महसूस किया. मुझे लगता है कि हम उनकी बातों को सबसे ज्यादा याद करेंगे. जब भी वह बात करते थे, तो हमें मंत्रमुग्ध कर देते थे. यह एक बहुत बड़ी क्षति है.’’
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