मुंबई: मशहूर फिल्मकार श्याम बेनेगल का कहना है कि उनके और 48 अन्य हस्तियों के खिलाफ दर्ज हुए कथित राजद्रोह के मामले का कोई मतलब नहीं बनता है. उन्होंने कहा कि भीड़ की हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर फिक्र जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा गया खुला पत्र महज अपील था न कि कोई धमकी.


आपको बता दें कि बिहार के मुजफ्फरपुर में श्याम बेनेगल और 48 अन्य हस्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है उनमें अनुराग कश्यप, अपर्णा सेन, मणिरत्नम, अडूर गोपालकृष्णन, सौमित्र चटर्जी, शुभा मुद्गल और इतिहासकार रामचंद्र गुहा भी शामिल हैं.


श्याम बेनेगल ने कहा, ‘‘ यह पत्र महज एक अपील था. लोगों का इरादा जो भी हो, जो प्राथमिकी स्वीकार कर रहे हैं और हम पर इन सभी तरह के आरोप लगा रहे हैं, इन बातों का कोई मतलब नहीं बनता है. यह प्रधानमंत्री से अपील करने वाला पत्र था. यह कोई धमकी या अन्य बात नहीं थी, जो शांति बिगाड़ती या समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा करती है.’’


गौरतलब है कि पत्र में कहा गया था कि मुसलमानों, दलितों और अन्य अल्पसंख्यकों को भीड़ द्वारा पीट पीटकर हत्या करना तत्काल रुकना चाहिए. बिना असंतोष के लोकतंत्र नहीं होता है. जयश्रीराम भड़काऊ नारा हो गया है.


वैसे अपर्णा सेन ने प्राथमिकी पर कुछ कहने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि मामला अदालत के सामने विचाराधीन है. फिल्मकार गोपालकृष्णन ने कहा कि उनके और अन्य हस्तियों पर राजद्रोह का मामला दर्ज किए जाने पर उन्हें बिल्कुल विश्वास नहीं होता.


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