नई दिल्ली: राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेताओं में से एक गायिका शाशा तिरुपति ने गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों प्रतिष्ठित पुरस्कार नहीं मिलने के बाद कहा कि वह खुद को बहुत ही अपमानित महसूस कर रही हैं और पुरस्कार मिलने का सारा उत्साह खत्म हो चुका है. 65वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में 137 विजेताओं को सम्मानित किया जाना था. विजेताओं की सूची पिछले महीने जारी हुई थी, जिसमें अपना नाम देखकर शाशा बहुत खुश हुई थीं, लेकिन समारोह में पहुंचने पर उनका उत्साह खत्म हो गया.


शाशा ने मणिरत्नम द्वारा निर्देशित फिल्म 'काटरू वेलियीदाई' में 'वान वरुवान' के लिए सर्वश्रेष्ठ पाश्र्वगायक का पुरस्कार जीता है. इस गाने को ए. आर. रहमान ने कंपोज किया है. रहमान ने तमिल फिल्म के लिए संगीत निर्देशन का राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीता है. शाशा ने आईएएनएस से कहा, "हां, राष्ट्रीय पुरस्कार मिला, लेकिन राष्ट्रपति के हाथों से नहीं. यहां आने पर पता चला कि सिर्फ 11 लोगों को राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कार दिया जाएगा."


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जब उनसे पूछा गया कि इसको लेकर क्या निराश हैं, जवाब में उन्होंने कहा, "इसके बारे में बात मत कीजिए. मैं अब बहुत ही अपमानित महसूस कर रही हूं." उन्होंने कहा, "ऐसा लग रहा है कि वह रोमांच गायब हो गायब हो गया. मैं बहुत उत्साहित थी. मेरे पिता वैंकूवर से आने वाले थे. यह बहुत ही निराश करने वाला है, क्योंकि वह मुझे राष्ट्रपति के हाथों से पुरस्कार मिलते देखने के लिए आना चाहते थे."


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शाशा ने कहा, "राष्ट्रीय पुरस्कार और राष्ट्रपति हमेशा साथ-साथ होते हैं. 64 साल से यह पुरस्कार राष्ट्रपति द्वारा दिया जा रहा था. जब आप राष्ट्रीय पुरस्कार की बात करते हैं तो लोगों के दिमाग में अपने आप राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कार मिलने का ख्याल आ जाता है." उनके लिए यह और अधिक निराशाजनक हो गया, क्योंकि उनके जानकार और परिवार इस मौके पर दिल्ली पहुंचने वाले थे.