Sitara Devi: बॉलीवुड में कई ऐसी अदाकारएं रहीं जिन्होंने पर्दे पर अपनी दमदार एक्टिंग और डांस से लोगों के दिलों पर राज किया. हालांकि इनमें से कई अभिनेत्रियों की असल जिंदगी काफी दर्दभरी भी रही. आज हम आपको इस आर्टिकल में ऐसी ही एक एक्ट्रेस के बारे में बताएंगें जिन्हें कथक क्वीन के नाम से जाना जाता था. इन्होंने अपने डांस के हुनर से खूब शौहरत बटोरी लेकिन इनकी असल जिंदगी काफी कांटों से भरी रही. इस अभिनेत्री ने चार शादियां की थीं लेकिन इन्होंने तन्हा जिंदगी गुजारी.
दरअसल हम बात कर रहें सितारा देवी की. सितारा देवी एक फेमस इंडियन कथक डांसर, सिंगर और एक्ट्रेस थीं. उन्होंने ही बॉलीवुड में कथक की शुरुआत की थी. जब वे सोलह साल की थी तो रवीन्द्रनाथ टैगोर ने एक दिन उन्हें परफॉर्म करते हुए देखा और फिर उन्होंने उन्हें उन्हें प्यार से "नृत्य की साम्राज्ञी" नाम दे दिया.
जन्म के बाद मा-बाप ने नौकरानी को दे दिया था
8 नवंबर 1920 को कोलकाता में सितारा देवी का जन्म हुआ था उनका असली नाम धनलक्ष्मी था दरअसल उनका जन्म धनतेरस के त्योहार पर हुआ और इस वजह से उनके माता-पिता ने सौभाग्य की देवी के नाम पर उनका नाम रख दिया था. उनका ब्राह्मण परिवार, मूल रूप से वाराणसी का था और वे कोलकाता में बस गये थे. उनके पिता, सुखदेव महाराज, एक वैष्णव विद्वान और कथक नर्तक थे. उन्होंने नृत्य के प्रति अपना जुनून अपने बच्चों तक पहुंचाया. हालांकि बताया जाता है कि सितारा देवी जब पैदा हुई तो उनका मुंह टेढ़ा था इस वजह से उनके माता-पिता ने उन्हें अपनी नौकरानी को दे दिया था लेकिन बाद में नौकरानी ने उन्हें वापस लौटा दिया फिर सितारा देवी ने अपने पिता से ही कथक सीथा और अपनी शैली में बनारस और लखनऊ घराने का मिश्रण किया.
आठ साल की उम्र में हुई थी पहली शादी
आठ साल की उम्र में, सितारा की कथित तौर पर शादी कर दी गई थी, जो उन दिनों आम बात थी. लेकिन उन्होंने शादी का विरोध किया और अपनी शिक्षा जारी रखी. हालांकि उनके ससुरालवालों को ये बात पसंद नहीं थी. इस वजह से सितारी देवी की पहली शादी टूट गई थी. स्कूल में रहते हुए, सितारा ने एक डांस परफॉर्मेंस दी थी जिससे शिक्षक काफी प्रभाविक हुए और फिर सितारा को ही सभी बच्चों को डांस सिखाने की जिम्मेदारी दे दी गई थी.
सितारा ने 23 फिल्मों में किया था काम
बाद में सितारा मुंबई चली आईं. यहां, उन्होंने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जिनमें रवीन्द्रनाथ टैगोर भी शामिल थे, जिन्होंने उनके प्रदर्शन की प्रशंसा की और उन्हें एक शॉल और पैसे उपहार में दिए.बारह साल की उम्र में, सितारा देवी ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की और कई हिंदी फिल्मों में डांस किया, जिनमें नगीना (1951) और मदर इंडिया (1957) शामिल हैं. सितारा ने 23 फिल्मों में काम किया था. हालाँकि फिर उन्होंने अपने शास्त्रीय कथक ट्रेनिंग पर ध्यान देने के लिए फिल्मों में परफॉर्म करना बंद कर दिया था.
चार शादियां की लेकिन एक भी नहीं टिकी
सितारा देवी ने चार बार शादी की थी. उनकी पहली शादी बचपन में टूट गई थी. फिर उन्होंने दूसरी शादी अभिनेता नज़ीर अहमद खान से हुई. लेकिन दोनों का तलाक हो गया. इस शादी के लिए सितारा ने इस्लाम धर्म तक कबूल कर लिया था. उनकी तीसरी शादी नजीर के चचेरे भाई फिल्म निर्माता के. आसिफ से हुई लेकिन ये भी टिक नहीं पाई और इकना भी तलाक हो गया. सितारा देवी ने चौथी शादी हिंदू गुजराती प्रताप बारोट से की थी जिनसे उनका एक बेटा रंजीत बारोट भी हुआ था जिसका जन्म 1950 में हुआ था. हालांकि सितारा देवी की चौथी शादी भी नहीं टिकी थी.
आखिरी दिनों में भी कथक के लिए जुनूनी थीं सितारा देवी
अपने अंतिन दिनों में, सितारा देवी ने कथक नर्तकियों की एक नई पीढ़ी को पढ़ाना और इंस्पायर करना जारी रखा. वह अपने जीवन के अंत तक नृत्य के लिए जुनून से भरी रही थीं. उन्हें 1973 में पद्म श्री सहित कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए. हालांकि, उन्होंने पद्म भूषण को अस्वीकार कर दिया था.
94 साल की उम्र में हुई थी मौत
सितारा देवी का 25 नवंबर 2014 को 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया था. उनकी मृत्यु से एक युग का अंत हो गया, लेकिन "कथक की रानी" के रूप में उनकी लिगेसी आज भी जिंदा है. उन्होंने एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और भारतीय शास्त्रीय नृत्य की दुनिया पर एक गहरा प्रभाव छोड़ा है.
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