दिल्ली उच्च न्यायालय ने ‘खानदानी शफाखाना’ फिल्म के नाम को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए कहा कि फिल्म यौन शिक्षा देने और यौन रोगों से जुड़े कलंक को दूर करने और उनके उपचार के लिए समाज के एक बड़े वर्ग तक पहुंचने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करती है.


न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ ने अपने फैसले में कहा कि फिल्म में सामाजिक बदलाव के बारे में दिखाया गया है. दिल्ली के सेक्सोलॉजिस्ट विजय एब्बॉट ने याचिका दायर की थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि फिल्म उन्हें और उनके पेशे को बदनाम करती है.


फैसले में कहा गया है कि वादी और क्षेत्र में काम करने वाले अन्य पेशेवर अबतक स्थानीय अखबारों में इश्तहार प्रकाशित कराते थे. उनके पास यौन शिक्षा प्रदान करने और यौन रोगों से जुड़े कलंक को दूर करने के लिए समाज के बड़े वर्ग तक पहुंचने और देशव्यापी चर्चा शुरू करने का फिल्म सुनहरा मौका देती है. अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा अभिनीत फिल्म दो अगस्त को रिलीज हो चुकी है.





बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हुई फिल्म


तमाम विवादों के बीच फिल्म रिलीज हो तो गई है लेकिन बॉक्स ऑफिस पर उसे खास सफलता हासिल नहीं हुई.  फिल्म ने पहले दिन सिर्फ 80 लाख रुपए की कमाई की थी. वहीं पहले वीकेंड की बात करें तो फिल्म ने कुल 5.52 करोड़ रुपए ही कमाए हैं.


फिल्म की निर्देशक शिल्पी दासगुप्ता ने कहा, 'खानदानी शफाखाना' एक जवान लड़की की कहानी है जिसे पंजाब में उसके मृत चाचा का सेक्स क्लिनिक विरासत में मिलता है. भूषण कुमार, महावीर जैन, मृगदीप सिंह लांबा और दिव्या खोसला कुमार फिल्म के निर्माता हैं.