सोनी ने कहा, "एक पुरुष प्रधान समाज में रहते हुए मैं जानती हूं कि ऐसी घटनाएं किसी भी लड़की के लिए डरावनी हो सकती है और इसलिए यह एक सकारात्मक संकेत है कि लोग अपनी कहानियों के साथ आगे आ रहे हैं."
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उन्होंने कहा, "यह कहना आसान है कि अगर आपका उत्पीड़न होता है तो अपनी नौकरी छोड़ दें, लेकिन लोग अपनी नौकरी पर निर्भर होते हैं, क्योंकि यह उनकी जीविका और जीवन का सवाल है. इसलिए हमें मीटू से जुड़ी कहानियों के साथ आगे आने वाली पीड़िताओं का समर्थन किया जाना चाहिए और जो महिलाएं इसे लेकर चुप हैं, उनका भी इस आधार पर आकलन नहीं करना चाहिए."
यह पूछे जाने पर कि कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न होता है? सोनी ने कहा, "जब कोई व्यक्ति महिला का उत्पीड़न करता है तो उसे पता होता है कि महिला के पास अपनी नौकरी बचाने के लिए ऐसे उत्पीड़न झेलने होंगे. यह उसकी जीविका का सवाल है."
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अपनी फिल्म 'योर्स ट्रली' के लिए बुसान अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में भाग लेकर लौटी अभिनेत्री ने कहा, "हर कंपनी को यौन उत्पीड़न को लेकर सख्त होना चाहिए, ताकि पीड़ित अपना पक्ष रखते हुए सुरक्षित महसूस करे."