Sonu Sood Life Secrets : बॉलीवुड और टॉलीवुड में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवा चुके एक्टर सोनू सूद के सभी फैन हैं. वह जितने अच्छे एक्टर हैं उतने ही अच्छे इंसान भी हैं और ये बात कोरोना काल के दौरान जगजाहिर भी हो चुकी है. उनके कुछ फैंस ने तो उन्हें भगवान का दर्जा तक दे डाला. पहले लोगों की पैसों से मदद करना सोनू के लिए आसान नहीं था, क्योंकि जब वो मुंबई आये थे तो उन्हें भी संघर्ष करना पड़ा था. लेकिन आज सोनू अपनी मेहनत से बुलंदियों पर पहुंच चुके हैं. अब वह किसी भी जरूरतमंद की मदद करने से बिल्कुल परहेज नहीं करते. जानिए सोनू सूद की लाइफ से जुड़े कुछ  अनछुए पहलू.


सोनू के दिल की बात  
सोनू ने बताया कि जब वह पहली बार मुंबई आए थे, तो उनको भी बाकी स्टार्स की तरह ही काफी संघर्ष करना पड़ा था. जब वह मुंबई आये थे वह किसी को नहीं जानते थे, ऐसे में बॉलीवुड में ना ही उनका कोई गॉडफादर था, जो उनकी मदद करता. लेकिन सोनू ने हार नहीं मानी और वह डटे रहे. उन्हें तो यहा तक जानकारी नहीं थी मुंबई की कौन सी सड़क किस फिल्म स्टूडियो तक जाती है. उनका और उनके परिवार का कोई भी शख्स फिल्म इंडस्ट्री से नहीं है. शुरुआत में सोनू के करियर में भी कई उतार-चढ़ाव आए. कुछ लोग तो ऐसे भी मिले जिन्होंने उन्हें ऊपर उठाने की जगह नीचे जरूर खींचा.

सोनू का कहना है कि ये दुख की बात है कि वह ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां सभी सेल्फिश हैं. एक-दूसरे की मदद करना तो दूर किसी का भला तक नहीं सोचते हैं लोग. लेकिन जो इस मतलबी दुनिया के सच को जल्द से जल्द समझ लेता है वह कभी दुखी नहीं होता. उन्होंने कहा कि जब किसी भी करियर में शुरूआत होती है तो ऐसी दिक्कतें आना लाज़मी हैं. सोनू का कहना है कि जब वह मुंबई आये थे तो यह सोचकर आये थे कि वह एक-दो साल में ही वापस अपने घर चले जाएंगे, लेकिन सोनू ने मेहनत करनी नहीं छोड़ी और आज वो बॉलीवुड का चमकता सितारा बन चुके हैं. वह अब अपने बुरे वक्त से उबर आए हैं. सोनू आज उन स्टार्स में से हैं जो रील लाइफ हीरो तो हैं ही इसके साथ ही कोरोना काल में उन्होंने आम जनता की इतनी मदद की है कि लोगों ने उन्हें भागवान का दर्जा तक दे दिया है.



पहली बार आए मुंबई
जब सोनू मुंबई आये थे तो उन्होंने साउथ फिल्म इंडस्ट्री को नहीं चुना था लेकिन, सोनू के पास तमिल और तेलगू फिल्मों के ऑफर आने लगे. जब बॉलीवुड में शुरुआत में कोई बात नहीं बनी, तो इसलिए उन्होंने साउथ फिल्मों की ओर रुख करना ही बेहतर समझा. उन्हें बस काम करना था और यह मौका उन्हें साउथ कि फिल्मों में मिल गया. वैसे जब कोई नया किसी भी इंडस्ट्री में आता है तो ज्यादातर लोग मदद करने की बजाय टांग खिंचाई करना ज्यादा पसंद करते है. लेकिन सोनू नहीं रुके और बस चलते रहे.


साउथ की फिल्मों से काफी कुछ सीखा  
सोनू का कहना है कि साउथ कि फिल्मों की वजह से ही उन्होंने बॉलीवुड में फिल्मों का चयन करना सीखा. वहां कि फिल्मों में काम करके उन्होंने काफी कुछ सीखा. साउथ में काम करने से उनको कान्फिडेंस मिला. उनका मानना है कि साउथ की फिल्मों ने उनके करियर में स्पोर्ट सिस्टम का काम किया.



आज की जनरेशन को दखनी चाहिए पीरियड फिल्में
सोनू का मानना है कि आज के जनरेशन को भी धार्मिक और पीरियड फिल्में दिखनी चाहिए. जिनसे उन्हें उनके ही इतिहास के बारें में जानकारी मिलती है. लेकिन आजकल की जनरेशन बस अपनी कहानी गूगल और सोशल मीडिया पर सेलेक्ट कर लेती है.


मां का योगदान  
सोनू ने कहा कि उनकी फिल्म पृथ्वीराज के रोल को करने में उनकी मां का काफी योगदान रहा है. उनकी मां एक हिस्ट्री और इंग्लिश की टीचर रही है. उन्होंने सोनू को कई बार पृथ्वीराज की ऐतिहासिक कहानियां सुनाई हैं. उन्हें तो इस बात का यकिन ही नहीं था कि वह कभी इस तरह की पीरियोडिक फिल्में भी करेंगे. इस फिल्म में सोनू सूद ने एक कवि का अभिनय निभाया है. कवि चंद एक ज्योतिषी थे. उन्हें भूत, काल और भविष्य सबके बारें में जानकारी थी.