नई दिल्ली: सोनू सूद ने बांद्रा स्टेशन पर मजदूरों को विदा करने से खुद के रोके जाने की खबरों का खंडन किया है. उन्होंने अफवाहों पर विराम लगाने के लिए ट्वविटर पर अपनी सफाई दी. आपको बता दें कि विवाद की शुरुआत स्टेशन पर उनके रोके जाने की खबरों से हुई थी.


दरअसल सोमवार को सोनू सूद बांद्रा टर्मिनस से मजदूरों को उत्तर प्रदेश के लिए एक ट्रेन की व्यवस्था की थी. यहां पहुंचने पर उन्हें ट्रेन के पास जाकर लोगों को विदा करने की अनुमति नहीं दी गयी. आखिरकार सोनू सूद को बांद्रा टर्मिनस के बाहर से ही मजदूरों से मिलकर लौटना पड़ा. जिसके बाद मामले ने काफी तूल पकड़ लिया. एबीपी न्यूज़ के सवाल पर सोनू सूद ने कहा था, "इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है‌ कि मुझे प्लेटफॉर्म पर जाने दिया गया या नहीं. मेरा काम मजदूरों को उनके घर भेजना‌ है और मैं यहां विश करने आया था."


सोनू सूद ने स्टेशन पर रोके जाने की खबरों का किया खंडन


सोनू सूद ने अफवाहों पर विराम लगाने के लिए ट्विटर पर लिखा, “मुझे सोमवार को बांद्रा स्टेशन पर मजदूरों को विदा करने से नहीं रोका गया था. मैं पूरी तरह प्रोटोकॉल का सम्मान करता हूं. मैंने राज्य सरकार से ट्रेन की व्यवस्था करने की अपील की थी. जिससे मजदूरों को उनके परिवार के बीच घर वापसी में मदद की जा सके." सोनू सूद ने दूसरे ट्वीट में लिखा, “करीब दो हजार लोग थे. मैं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जी को धन्यवाद देता हूं.” उन्होंने राज्य सरकार के कई अन्य नेताओं को टैग करते हुए मजदूरों के चेहरे पर मुस्कान लाने में मदद करने पर शुक्रिया अदा किया.





एबीपी न्यूज़ की पड़ताल में पता चला था कि मुम्बई रेलवे के डिविजनल मैनेजर की ओर से ही सोनू को प्लेटफॉर्म पर जाने‌ की अनुमति नहीं दी गयी. मौके पर मौजूद कुछ पुलिस अधिकारियों ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर जानकारी दी थी.