कोरोना संकट पर Sonu Sood ने निकाली भड़ास बोले- किस देश में रह रहे हैं हम लोग?
बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद ने एक इंटरव्यू में देश में हेल्थकेयर फेलियर पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि लोग ऑक्सीजन की कमी से मर रहे हैं, कोरोना वायरस की वजह से नहीं.
कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद ने पिछले साल लोगों की मदद कर रहे हैं. वह कोरोना वायरस की दूसरी लहर से लड़ रहे लोगों के लिए ऑक्सीजन, हॉस्पिटल बेड्स और दवाइयों की व्यवस्था करने में लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि उनसे पास जब आई हर एक कॉल सरकार की असफलताओं को दिखाता है कि वह अपने नागरिकों सुरक्षा नहीं कर पा रही है.
सोनू सूद ने बरखा दत्त को दिए इंटरव्यू में कहा कि राजधानी में ऑक्सीजन की कमी है, अस्पताल बेड्स की कमी है और अपने प्रियजनों को खोने का बाद लोग मानसिक आघात से गुजर रही है. ये वायरस की वजह से नहीं बल्कि उपचार में देरी की वजह से हो रही है. उन्होंने कहा कि ये सोचकर उनक दिल टूट रहा है आर्थिक और सोशल रिसोर्सेज की कमी की वजह से कम सहुलियत वालों को कुछ भी नहीं मिल पा रहा है.
पैरेंट्स के लिए भागदौड़ कर रहा होता
सोनू सूद ने कहा कि वह खुशनसीब हैं कि उनके पैरेंट्स जीवित नहीं हैं क्योंकि वह सोच भी नहीं सकते कि अगर उन्हें कोरोना हो जाता तो वह कितने असहाय हो जाते. सोनू सूद ने कहा,"मेरे पैरेंट्स अब नहीं रहे और कई बार में सोचता हूं कि थैंक गॉड की वो अब नहीं है क्योंकि सोचिए वे हेल्पलेस होते और मैं उनके लिए भागदौड़ कर रहा होता."
बड़े लोग ऑक्सीजन बेड के लिए तरस रहे हैं
सोनू सूद ने आगे कहा,"आप को एक असफल इंसान की तरह फील होता अगर आप अपने प्रियजनों के लिए ऑक्सीजन मुहैया नहीं करवा पाते. आपको लगता कि मैंने जिंदगी में क्या हासिल किया है. मुझे ऐसे लोगों के कॉल आ रहे हैं दिल्ली से जो बड़ घरों में रह रहे और कहते हैं कि प्लीज हमें एक बेड दिलवा दो."
किस देश में रह रहे हैं हम
सोनू सूद ने आगे कहा,"सोचिए वे कितने असहाय हैं. कल्पना कीजिए कि एक सामान्य व्यक्ति या एक गरीब व्यक्ति के पास क्या होगा जिसके पास कोई संसाधन नहीं है. उनकी देखभाल कौन करेगा? इससे बुरा कुछ नहीं हो सकता. कम से कम, ऑक्सीजन मेरा अधिकार है. एक अस्पताल मेरा अधिकार है. अगर हम कहें कि एक लाख लोग मारे गए हैं, तो कल्पना करें कि अगर हमारे पास एक लाख और बिस्तर होते, तो ये लोग बच जाते. जो लोग मर चुके हैं, वे मरने के लायक नहीं हैं. वे मर रहे हैं क्योंकि उन्हें सही समय पर इलाज नहीं मिल रहा है, किस देश में रह रहे हैं लोग?"
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