Jiah Khan Suicide Case: जिया खान सुसाइड केस (Jiah Khan Suicide Case) में 10 साल बाद शुक्रवार यानी 28 अप्रैल को फैसला आ गया है. सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में आरोपी सूरज पंचोली (Sooraj Pancholi) को बरी कर दिया है. इस फैसले के आने के बाद सूरज और उनका परिवार बहुत खुश हैं. एक्टर ने अपने घर के बाहर पैपराजी को मिठाई भी खिलाई है, जिसके वीडियोज और फोटोज़ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.
सूरज पंचोली ने पैपराजी को बांटी मिठाइयां
तस्वीरों में देखा जा सकता है कि सूरज पंचोली के घर के बाहर फोटोग्राफर्स की भीड़ लगी है, जिन्हें कुछ लोग मिठाइयां बांट रहे हैं. कुछ इस तरह सूरज पंचोली और उनकी फैमिली ने जिया खान सुसाइड केस में अपने पक्ष में फैसला आने के बाद जश्न मनाया है. एक्टर ने सीबीआई कोर्ट की तरफ से फैसला आने के बाद एक पोस्ट शेयर किया है.
मैंने बहुत दर्दनाक समय बिताया
सूरज पंचोली ने इंस्टा स्टोरी पर एक पोस्ट शेयर किया जिसमें लिखा है, 'सच्चाई की हमेशा जीत होती है'. इसके अलावा सूरज ने जिया खान केस में बरी होने के बाद अपना पहला बयान दिया है. उन्होंने कहा , 'इस फैसले को आने में 10 साल लगे. इस दौरान बिताया हुआ समय काफी दर्दनाक और रातों की नींद हराम करने वाला था, लेकिन आज मैंने न केवल ये केस जीता है बल्कि मैंने अपनी गरिमा और आत्मविश्वास को भी वापस पा लिया है.'
बेहद कम उम्र में बहुत कुछ झेला
उन्होंने आगे कहा, 'इस तरह के जघन्य आरोपों के साथ दुनिया का सामना करने के लिए बहुत हिम्मत चाहिए थी. मैं उम्मीद और ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि इतनी कम उम्र में जो कुछ मैंने झेला है, मुझे नहीं पता कि मुझे मेरे जीवन के ये 10 साल कौन लौटाएगा? हालांकि, मुझे खुशी है कि आखिरकार यह ना सिर्फ मेरे लिए बल्कि मेरे परिवार के लिए भी खत्म हो गया है. इस दुनिया में शांति से बढ़कर कुछ भी नहीं है.'
क्या है पूरा मामला
जिया खान (Jiah Khan) का शव 3 जून 2013 को जुहू स्थित उनके घर पर फांसी के फंदे से लटका हुआ मिला था. पुलिस को जिया खान के घर से 6 पन्नों का हाथ से लिखा हुआ सुसाइड नोट मिला था. इसके बाद मुंबई पुलिस ने 11 जून, 2013 को सूरज पंचोली (Sooraj Pancholi) को जिया को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, एक महीने जेल में बिताने के बाद 1 जुलाई 2013 को सूरज पंचोली को जमानत पर रिहा कर दिया गया था. इसके बाद जिया खान की मां की अर्जी पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने साल 2014 में मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को दे दी थी.