Jiah Khan Death Case: जिया खान सुसाइड केस से बरी होने के बाद सूरज पंचोली ने चैन की सांस ली है. 28 अप्रैल को सूरज पंचोली को 10 साल तक चले लंबे ट्रायल के बाद बरी किया गया है. अब हाल ही में दिए इंटरव्यू में सूरज पंचोली ने इस केस पर चुप्पी तोड़ी है और कहा है कि वो जिया के साथ 5 महीने तक रिलेशनशिप में रहे, लेकिन सिर्फ उनका प्यार जिया के लिए पर्याप्त नहीं था. जिया को फैमिली के प्यार की भी जरुरत थी.


मैं 10 सालों से चैन से नहीं सो पाया - सूरज पंचोली
सूरज पंचोली ने बॉम्बे टाइम्स से हुई बातचीत में बताया, 'यह मेरे कंधों से बहुत बड़ा भार है. पिछले 10 सालों में, जब मैं एक रिश्ते में था, तब भी मैं इसे अपना शत प्रतिशत नहीं दे सका, क्योंकि मेरा भविष्य निश्चित नहीं था. मैं अब अपने करियर की प्लानिंग कर सकता हूं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपके पास जीवन में क्या है, प्रसिद्धि, धन और सफलता से परे आपको शांति की सबसे ज्यादा जरुरत होती है. मैं पिछले 10 सालों से चैन से नहीं रह रहा हूं. हर रात सोने से पहले मैं इस बारे में सोचता था. जैसे ही मैं उठा, मैंने इसके बारे में सोचा और यह सिर्फ मेरे साथ ही नहीं, बल्कि मेरे पिता (आदित्य पंचोली), मां (जरीना वहाब) और बहन (सना) के साथ भी हुआ. मैं अभी तक ये सब एक्सेप्ट नहीं कर पाया हूं कि ये सब खत्म हो गया. मैं अब भी फ्री रहता हूं.'


'जिया को फैमिली के प्यार की थी जरुरत'
सूरज पंचोली ने जिया के डिप्रेशन के बारे में बात करते हुए बताया, 'मैंने फेसबुक पर जिया को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी. वो एक खूबसूरत लड़की थी और उसने कुछ फिल्में की थीं. करीब एक साल बाद वो लौटी और हम दोस्त बन गए. मैं जिया के साथ केवल पांच महीने के रिश्ते में था और मुझे नहीं पता था कि वो किस स्थिति से गुजर रही थी. उसे अपने बॉयफ्रेंड से नहीं बल्कि अपने परिवार से भी प्यार की जरूरत थी. वह चाहती थी कि वो उसका साथ दें और उसे समझें, जिया पर अपने परिवार को सपोर्ट करने का बहुत दबाव था- दो छोटी सौतेली बहनें, मां और उनके फ्रैंड. वो अकेली कमाने वाली सदस्य थी और उसे ऐसा काम नहीं मिल रहा था जिससे उसे ऐसा करने में मदद मिले. मैं तब स्थिति की गंभीरता को नहीं जानता था, जब मैं 20 साल का था, लेकिन मैंने उसकी मां को उसके डिप्रेशन के बारे में बताया था और उसे मदद की जरूरत थी.'


जिया खान ने नहीं लिखा था सुसाइड लेटर
सूरज पंचोली ने आगे बताया, 'उनके पास वो इमोशनल सपोर्ट नहीं था. वो सिर्फ मेरे पास थी. जब मैं शुरुआत में जिया से मिला था और हम रिलेशनशिप में नहीं थे, तो उसने 2012 में खुद को खत्म करने के इरादे से अपना हाथ काटने की कोशिश की थी. मैंने राबियाजी को लंदन में बुलाया था. उन्होंने मुझे तब कहा था कि वो अगली फ्लाइट से लंदन आ रही हैं, लेकिन वो महीनों तक दिखाई नहीं दी. क्या ये एक सामान्य माता-पिता का रिश्ता था? मैं उसके लिए वहां था और उस दौरान हमें प्यार हो गया. वो एक बेहतरीन इंसान थीं लेकिन उनके लिए मेरा प्यार काफी नहीं था. उसे पारिवारिक प्यार की जरूरत थी. मैं अदालत में बहुत कुछ कह सकता था, लेकिन मैंने नहीं कहा क्योंकि मैं चाहता हूं कि परिवार को शांति मिले, लेकिन मुझ पर आरोप लगाना कोई तरीका नहीं है. अदालत ने देखा कि जिया के नाम से पेश किया गया सुसाइड लेटर उसने नहीं लिखा था और मीडिया को दिए जाने के कुछ दिनों बाद पुलिस को सौंपा गया था. फैसले की कॉपी में कहा गया है, 'परिस्थितियां उक्त पत्र के वास्तविक लेखक के बारे में गंभीर संदेह पैदा करती हैं.'


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