(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
'सुरमा भोपाली' कभी सड़कों पर बेचा करते थे रुमाल-पेन, महज 1 रुपये के रोल ने बदली दी थी जिंदगी
Jagdeep Birth Anniversary: भारतीय सिनेमा की ऐतिहासिक फिल्म शोले के सूरमा भोपाली तो आपको याद होंगे. उन्होंने सबको खूब हंसाया लेकिन रियल लाइफ में उन्होंने काफी संघर्ष किया. उन्होंने कई यादगार रोल किए.
Jagdeep Birth Anniversary: फिल्म इंडस्ट्री में जितना योगदान लीड एक्टर, एक्ट्रेस और विलेन का होता है उतना ही किसी कॉमेडियन का भी होता है. अगर कॉमेडियन अच्छा हो तो दर्शकों को फिल्म में बोर नहीं होने देता है. वैसे तो इंडस्ट्री में कई बेहतरीन कॉमेडियन थे लेकिन एक ऐसा कॉमेडियन जिसकी जगह शायद ही कभी कोई ले पाए. उस एक्टर को आमतौर पर लोग 'सूरमा भोपाली' के नाम से जानते थे और उन्होंने कई बेमिसाल फिल्मों में काम किया.
जी हां, हम बात एक्टर जगदीप की कर रहे हैं जो आज भले ही इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनकी कोई भी फिल्म देख लो जहन में उनकी यादें ताजा हो जाती हैं. जगदीप एक खास तरह का अभिनय करते थे लेकिन यहां तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था. चलिए आपको उनके संघर्ष और सफलता के बारे में बताते हैं.
जगदीप का फैमिली बैकग्राउंड
29 मार्च 1939 को मध्य प्रदेश के धतिया में जन्में सैय्यद इश्तिाक अहमद जाफरी का फिल्मी नाम जगदीप है. जगदीप के पिता सैय्यद यावर हुसैन जाफरी बैरिएस्टर थे, जबकि मां कनीज फातिमा हाउसवाइफ थीं. जगदीप के 6 भाई और 2 बहने थे जिनमें से जगदीप सबसे छोटे थे.
जब जगदीप काफी छोटे थे तब उनके पिता का निधन हो गया था और 1947 में पार्टिशन हुआ जिसमें उनकी पूरी प्रॉपर्टी खत्म हो गई. जगदीप के कई भाई-बहन पाकिस्तान चले गए लेकिन उनकी मां डट गईं कि वो अपना वतन छोड़कर कहीं नहीं जाएंगी.
वो बहुत गरीब हो गई थीं और मुंबई में जगदीप के एक भाई रहते थे. उनकी मां छोटे जगदीप को लेकर मुबंई आ गईं. उनके भाई भी छोटा-मोटा काम करते थे और गरीबी के कारण उनकी मां बहुत परेशान रहने लगी थीं.
जगदीप के संघर्ष से सफलता की कहानी
मशहूर एक्ट्रेस और सेलिब्रिटीज के इंटरव्यू लेने वाली तबस्सुम ने एक वीडियो में बताया था कि जगदीप की मां परेशान होकर एक दरगाह के सामने बैठ गईं. उन्हें उस हाल में बैठा देख लोगों ने पैसे देने शुरू कर दिए जिससे जगदीप को चिढ़ होती थी. टीनएज में जगदीप सड़क पर कंघियां, साबुन, रुमाल, अगरबत्तियां और पेन बेचने लगे.
तबस्सुम ने अपने वीडियो में बताया था जगदीप चंचल स्वभाव के रहे हैं और आस-पास के लोगों को हंसाया भी करते थे. एक दिन एक आदमी उनके पास आया और बोला, 'कितना कमा लेते हो?' इसपर जगदीप ने जवाब दिया, 'पूरे चार आना कमा लेता हूं.' तो उस आदमी ने कहा, 'मेरे साथ चलो, मैं तुम्हे इसके डबल दूंगा.'
जगदीप ने पूछा कि वो उनसे क्या काम करवाना चाहता है. इसपर उस आदमी ने कहा तुम्हे फिल्मों में काम कराऊंगा और जूनियर आर्टिस्ट बना दूंगा. जगदीप को बात जमी और वो चल दिए. बी आर चोपड़ा अशोक कुमार और वीना के साथ फिल्म अफसाना (1951) बनाई. इस फिल्म में टीनएजर जगदीप का बहुत छोटा सा रोल था जिसमें वो सभा में भाला पकड़कर दरबान बने थे और उनके काम से खुश होकर प्रोड्यूसर ने उन्हें 8 आना के बजाए 1 रुपये फीस दी. यहां से जगदीप के फिल्मी सफर की शुरुआत हो गई.
जगदीप की फिल्में
'अफसाना' के बाद लगभग 2-3 सालों तक जगदीप ने बतौर जूनियर आर्टिस्ट फिल्मों में काम किया. उस वीडियो में तबस्सुम ने बताया था कि जगदीप जो भी कमाई करते थे वो अपनी मां को दे दिया करते थे. उनकी मां भर-भरकर दुआएं देती थीं और वो दुआएं रंग भी ले आईं. साल 1953 में मशहूर फिल्ममेकर विमल रॉय ने जगदीप को अपनी फिल्म 'दो बीघा जमीन' में अहम किरदार दिया.
इसके बाद उनकी किस्मत चमक गई और साल 1957 में बतौर लीड एक्टर उनकी फिल्म भाभी आई जिसमें उनकी को-एक्ट्रेस नंदा थीं. इसके बाद उन्होंने अलग-अलग हीरोइन के साथ बतौर लीड एक्टर काम किया. उन फिल्मों में जगदीप ने सीरियल लीड एक्टर का रोल किया जो रोमांस करता है, गाने गाता है और डायलॉग्स बोलता है लेकिन उन्हें ये सब रास नहीं आया. तबस्सुम ने वीडियो में बताया था कि जगदीप कहते थे कि हीरो को तो कुछ करना ही नहीं होता है और उन्हें अब अपना ट्रैक बदलना है.
उन्होंने ऐसा ही किया और उन्होंने कॉमेडियन बनने का फैसला लिया. जिसकी वजह से उन्हें उस आदमी ने पसंद किया था. इसके बाद जगदीप 'शोले', 'गजब', 'अंदाज अपना-अपना', 'दो अनजाने', 'प्रतिज्ञा', 'पुराना मंदिर', 'शहंशाह', 'फूल और कांटे', 'ब्रह्मचारी', 'नगीना', 'जानी दुश्मन', 'रोटी' जैसी कई सुपरहिट फिल्मो में बतौर कॉमेडियन काम किया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, जगदीप ने अपने फिल्मी करियर में लगभग 400 फिल्मों में काम किया था.
जगदीप की पर्सनल लाइफ
जगदीप ने पहली शादी साल 1960 में सुघरा बेगम से की थी जिनसे उन्हें दो बेटे जावेद और नावेद जाफरी हुए. ये दोनों एक्टर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर हैं. इसके बाद जगदीप एक और शादी की थी. जगदीप के बेटे ही फिल्मों में आए जिनमें से जावेद जाफरी कॉमेडियन और विलेन का रोल प्ले करते हैं.
जगदीप का निधन
जगदीप ने टीनएज से अपने करियर की शुरुआत की थी और अंतिम दिनों तक काम किया. 8 जुलाई 2020 में जगदीप का निधन हो गया था. तबस्सुम के एक वीडियो में उन्होंने बताया कि जगदीप ने उनके साथ एक इंटरव्यू किया था जिसमें उन्होने कहा था, 'मौत तो दुनिया का सबसे बड़ा सच है. मैं जगदीप हूं, आया हूं, जग दीपक से भर दिया हूं और जाऊंगा भी तो लोगों को हंसाता जाऊंगा. मेरा यही कहना है...आओ हंसते-हंसते, जाओ हंसते-हंसते.'