हिम्मतवाला और सदमा के बाद नहीं थमा श्रीदेवी के सफलता का सफर
शादी में शिरकत करने दुबई गईं श्रीदेवी के निधन की खबर से हर कोई हैरान है. आपको बता दें कि श्रीदेवी हिंदी सिनेमा इंडस्ट्री के उन नामों में शुमार है जिसन एक बार जह सफर की शुरुआत की तो पीछे मुड़कर नहीं देखा.
नई दिल्ली: भांजे की शादी में शिरकत करने दुबई गईं श्रीदेवी के निधन की खबर से हर कोई हैरान है किसी को इस खबर पर यकीन नहीं हो रहा है. बीते शनिवार रात लगभग 11 बजे अभिनेत्री श्रीदेवी को ह्रदयाघात होने पर पास के राशिद अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था.
आपको बता दें कि श्रीदेवी हिंदी सिनेमा इंडस्ट्री के उन नामों में शुमार है जिसन एक बार जह सफर की शुरुआत की तो पीछे मुड़कर नहीं देखा. साल 1983 में जहां हिम्मतवाला और मवाली जैसी मसाला फिल्मों में श्रीदेवी ने धूम मचायी, वहीं इसी साल कमल हासन के साथ फिल्म सदमा में अपने बेहतरीन अभिनय से उन्होंने सबकी आंखें नम कर दीं. फिल्म सदमा में गुलज़ार की लिखे गाने ‘सुरमई अखियों में’ श्रीदेवी ने क्या खूब अपनी आंखों का जादू बिखेरा.
लगातार सफलता की सीढियाँ चढ़ती चली गईं श्रीदेवी
सदमा में उनके हीरो रहे कमल हासन ने उनके साथ कई तमिल फिल्मों में भी काम कर चुके हैं. श्रीदेवी कामयाबी की सीढियां चढ़ती गयीं और फिर उनका नंबर आया उस ज़माने के सुपरस्टार अमिताभ बच्चन की हीरोइऩ बनने का. फिल्म इंक़लाब में पहली बार श्रीदेवी ने अमिताभ जैसे ज़बरदस्त अभिनेता के साथ काम किया और अपने अभिनय से छाप सबपर छोड़ी.
श्रीदेवी अब तक बड़े-बड़े सितारों के साथ काम कर चुकी थी. लेकिन अभी वो धमाका होना बाकी था जिसने श्रीदेवी को टॉप के सितारों की जमात में शामिल करने वाला था और इसके बाद तो श्रीदेवी सुपरस्टाडरम की सीढ़ियां चढ़ती चली जाने वाली थीं.
करियर के शुरुआती सालों में श्रीदेवी जीतेन्द्र और राजेश खन्ना के साथ लगातार पारिवारिक फिल्में ही कर रही थीं. अभी ऐसी फिल्म का आना बाक़ी थी जो श्रीदेवी के नाम का डंका बजा दे और आखिरकार 1986 में ये फिल्म आयी.
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